अजय माकन ने लागू कर दिया सोनिया का 'मेंडेट'! राजस्थान पीसीसी घोषित

नए नामों की घोषणा के साथ जाहिर हो गया है कि पीसीसी कार्यकारिणी में कांग्रेस आलाकमान के मेंडेट का अक्षरशः पालन किया गया है.

author-image
Nihar Saxena
New Update
KC Venugopal

केसी वेणुगोपाल ने दी गहलोत औऱ पायलट खेमे को सम्मानजनक तवज्जो.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

कांग्रेस की राजस्थान इकाई में नई टीम बनने का छह महीने से किया जा रहा इंतजार अंततः खत्म हो गया. पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने 39 पदाधिकारियों के नामों की घोषणा कर दी. नए नामों की घोषणा के साथ जाहिर हो गया है कि पीसीसी कार्यकारिणी में कांग्रेस आलाकमान के मेंडेट का अक्षरशः पालन किया गया है. इस मेंडेट के तहत अशोक गहलोत और सचिन पायलट कैंप को बराबर तवज्जो दी गई है. जुलाई में पायलट के नाकाम 'टेकऑफ' के बाद भंग की गई कार्यकारिणी में मनोनीत अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ही थे. 

Advertisment

पायलट खेमे के आठ लोगों को जगह
इस नई पीसीसी कार्यकारिणी में कुल 11 विधायकों में से तीन विधायक पायलट कैंप के हैं. ये लोग हैं से जीआर खटाणा, राकेश पारीक और वेदप्रकाश सोलंकी. पीसीसी में 8 महासचिवों में से तीन महासचिव भी सचिन की पसंद के हैं. 7 उपाध्यक्षों में से भी दो पायलट कैंप के हैं. पायलट कैंप के उपाध्यक्ष बने राजेंद्र चौधरी और नसीम अख्तर किसी जमाने में गहलोत के साथ हुआ करते थे. 24 सचिवों की कतार से तीन सचिव शोभा सोलंकी, प्रशांत शर्मा, महेन्द्र खेड़ी सचिन कैंप के माने जाते हैं. इस प्रकार कुल मिलाकर पीसीसी के 39 पदाधिकारियों में से 8 पायलट कैंप के हैं. चार भूतपूर्व मंत्रियों को भी पीसीसी में जगह मिली है. 

यह भी पढ़ेंः थरूर ने की रिपब्लिक डे परेड रद्द करने की मांग, पात्रा का राहुल गांधी पर वार

अजय माकन ने की लंबी कवायद
गौरतलब है कि पीसीसी की घोषणा से पहले कल सचिन पायलट की अजय माकन से लंबी बात हुई थी, जबकि पिछले कई दिनों से अशोक गहलोत से भी लगातार बात
 हो रही थी. कल भी गहलोत और माकन के बीच लंबी मंत्रणा हुई और उसके बाद ही कार्यकारिणी के नाम घोषित  कर दिए गए. सोनिया गांधी और अजय माकन ने इस लिस्ट में सोशल इंजीनियरिंग का पूरा ध्यान रखा है. सभी जाति, धर्मों और ग्रुप्स को माकन साथ लेकर चले हैं. इसी तरह गहलोत के नॉमिनी गोविंद सिंह डोटासरा को भी पूरा सम्मान  मिला है. उनकी पसंद लगभग हर कैटेगरी में मौजूद है.

सीपी जोशी को भी बराबर का महत्व
इसी प्रकार सत्ता के तीसरे केंद्र डॉ. सीपी जोशी को भी पूरा महत्व दिया गया है. सीपी के कोटे से हरिमोहन शर्मा और रामलाल जाट बने उपाध्यक्ष  बनाए गए हैं, लेकिन इन सबके बावजूद कुल मिलाकर गहलोत कैंप का कार्यकारिणी में वर्चस्व है. डोटासरा और सीपी भी अशोक गहलोत के खेमे के ही हैं. माकन की इस सूची के सर्वसम्मत होने का दावा किया गया है. इस प्रकार माकन ने अपनी पहली जिम्मेदारी  सफलतापूर्वक पूरी कर ली है. अब माकन के सामने राजनीतिक नियुक्तियों और मंत्रिमडंल विस्तार पर आम सहमति बनाने की चुनौती मुंह बाए खड़ी है. 

यह भी पढ़ेंः अमेरिका में खूनी हिंसा के बाद PM मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप को दी यह सलाह

31 दिसंबर को घोषित होनी थी कार्यकारिणी
उपाध्यक्षों में वयोवृद्ध नेता गोविंद राम मेघवाल, हरिमोहन शर्मा, डॉ. जितेंद्र सिंह, महेंद्रजीत सिंह मालवीय, नसीम अख्तर 'इंसाफ', राजेंद्र चौधरी और रामलाल जात शामिल हैं, जबकि महासचिवों में जीआर खटाना, हकीम अली, लखन मीणा, मांगीलाल गरासिया, प्रशांत बैरवा, राकेश पारिख, रीता छाऊधारी और वेद प्रकाश सोलंकी शामिल हैं. पार्टी की राजस्थान इकाई को पिछले जुलाई में पायलट की बगावत के बाद भंग कर दिया गया था. उन्होंने नेतृत्व परिवर्तन की मांग की थी और अंतत: उनका डिप्टी सीएम और राज्य प्रमुख का पद छीन लिया गया था. राजस्थान प्रभारी अजय माकन ने घोषणा की थी कि नई टीम 31 दिसंबर तक बन जाएगी, लेकिन गहलोत और पायलट खेमों के बीच असंतोष के कारण देरी हुई.

राजस्थान पीसीसी sachin-pilot अजय माकन Ashok Gehlot Mandate KC Venugopal Ajay Maken अशोक गहलोत सचिन पायलट केसी वेणुगोपाल PCC Rajasthan Sonia Gandhi Congress High Command राजस्थान
      
Advertisment