Rajasthan News: अजमेर में डिजिटल अरेस्ट करने वाला ठग गिरफ्तार, प्रोफेसर बने थे शिकार

Digital Arrest Case: कॉलर ने खुद को पुलिस अधिकारी और फिर एनसीबी (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो) का अफसर बताते हुए उन्हें यह यकीन दिला दिया कि वह एक गंभीर जांच के घेरे में हैं.

Digital Arrest Case: कॉलर ने खुद को पुलिस अधिकारी और फिर एनसीबी (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो) का अफसर बताते हुए उन्हें यह यकीन दिला दिया कि वह एक गंभीर जांच के घेरे में हैं.

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Yashodhan.Sharma
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Ajmer digital arrest

representational image Photograph: (social)

Ajmer News: राजस्थान के अजमेर जिले में साइबर सेल ने एक बड़ी और चौंकाने वाली साइबर ठगी का खुलासा किया है. यह मामला न केवल हाई-प्रोफाइल है, बल्कि बेहद शातिर तरीके से अंजाम दिया गया है. दरअसल, सेंट्रल यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर को ठगों ने मानसिक रूप से कैद करते हुए ‘डिजिटल अरेस्ट’ का शिकार बनाया और 10 दिनों तक उन्हें डर और भ्रम के माहौल में रखकर 5 लाख रुपये से ज्यादा की ठगी कर ली.

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यह घटना नवंबर 2024 की है. उस दिन प्रोफेसर को एक फोन कॉल आया, जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को बीएचईएल कंपनी का प्रतिनिधि बताया. कॉलर ने कहा कि प्रोफेसर के नाम पर एक पार्सल चीन से आया है, जिसमें अवैध मादक पदार्थ पाए गए हैं. इस झूठी जानकारी के जरिये उन्हें बुरी तरह डरा दिया गया.

ऐसे बनाया शिकार

कॉलर ने खुद को पुलिस अधिकारी और फिर एनसीबी (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो) का अफसर बताते हुए उन्हें यह यकीन दिला दिया कि वह एक गंभीर जांच के घेरे में हैं. इसके बाद प्रोफेसर को लगातार कॉल, वीडियो कॉल और अन्य डिजिटल तरीकों से वर्चुअल निगरानी में रखा गया. इस स्थिति को साइबर भाषा में ‘डिजिटल अरेस्ट’ कहा जाता है, जहां पीड़ित को किसी से बात करने, घर से बाहर निकलने और यहां तक कि सामान्य गतिविधियों से भी रोका जाता है. इस दौरान प्रोफेसर का मानसिक शोषण होता रहा और एक-एक कर उनके बैंक खातों से ₹5 लाख से अधिक की रकम निकाल ली गई. ठगों ने यह रकम अलग-अलग अकाउंट्स में ट्रांसफर करवा ली.

पूछताछ में जुटी टीम

अजमेर साइबर सेल के अधिकारी हनुमान सिंह ने मीडिया को बताया कि मामला सामने आने के बाद गहन तकनीकी जांच शुरू की गई. मोबाइल लोकेशन, बैंक ट्रांजेक्शन और डिजिटल ट्रेसिंग की मदद से आरोपी की पहचान की गई. पुलिस ने डीडवाना-कुचामन क्षेत्र से ओंकार सिंह नामक युवक को गिरफ्तार किया है. अब उससे पूछताछ की जा रही है, ताकि इस पूरे गिरोह का पर्दाफाश किया जा सके. साइबर सेल लोगों से अपील कर रही है कि किसी भी अनजान कॉल या संदिग्ध जानकारी पर भरोसा न करें और ऐसे मामलों में तुरंत पुलिस से संपर्क करें.

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