Digital Arrest: साइबर स्कैमर्स के खिलाफ ताबड़तोड़ एक्शन ले रही सरकार, हजारों WhatsApp नंबर और Skype ID किए बंद

Digital Arrest: साइबर स्कैमर्स के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सरकार ने कमर कस ली है. इसको लेकर सरकार ने डिजिटल अरेस्ट स्कैम्स में शामिल हजारों WhatsApp नंबर और Skype ID को ब्लॉक कर दिया है.

Digital Arrest: साइबर स्कैमर्स के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सरकार ने कमर कस ली है. इसको लेकर सरकार ने डिजिटल अरेस्ट स्कैम्स में शामिल हजारों WhatsApp नंबर और Skype ID को ब्लॉक कर दिया है.

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Santosh Mishra
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Digital Arrest

Digital Arrest Photograph: (google)

Digital Arrest: भारत सरकर ने एक बार फिर साइबर स्कैमर्स के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. इसमें सरकार ने देश में Digital Arrest के लगातार बढ़ते मामले को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए हैं. इस एक्शन में सरकार ने कई हजार WhatsApp नंबर और Skype ID को ब्लॉक कर दिया है. इस पूरे मामले की जानकारी राज्यसभा में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने दी. आपको बता दें कि बीते कुछ महीनों से डिजिटल अरेस्‍ट करने वालों पर सरकार ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है. 

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सरकार ने किए हजारों WhatsApp नंबर और Skype ID बंद 

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री संजय बंदी कुमार ने राज्यसभा में इसकी जानकारी देते हुए कहा कि इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर  ने 3,962 से ज्‍यादा Skype IDs और 83,668 WhatsApp अकाउंट को ब्‍लॉक किया है. ये आईडी और अकाउंट्स डिजिटल अरेस्ट स्कैम्स में शामिल थे. इन सभी का इस्तेमाल धोखाधड़ी के लिए किया जा रहा था. इसके अलावा, गृह मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि 28 फरवरी तक 7.81 लाख से ज्‍यादा सिम कार्ड और 2 लाख 8 हजार 469 IMEI नंबरों को भी ब्लॉक किया जा चुका है.

क्या हैं Digital Arrest?

डिजिटल अरेस्ट प्रकार की ठगी है जिसमें स्कैमर्स खुद को सरकारी अधिकारी बताकर, वीडियो कॉल के ज़रिए लोगों को डरा-धमका कर, उनके घर में ही बंधक बना लेते हैं और पैसे ऐंठ लेते हैं. इसमें ठग अपने आप को पुलिस, सीबीआई, या अन्य सरकारी विभाग के अधिकारी बनकर लोगों से बात करते हैं. पहले वे पीड़ित को झूठे मामलों में फसाते हैं. उसके बाद उनके साथ कुछ बुरा होने की धमकी देते हैं. ठग पीड़ित को किसी से भी बात करने, मैसेज करने या मिलने से रोक देते हैं. इसके बाद वो पीड़ित से केस खत्म करने के नाम पर पैसे ऐंठते हैं. डिजिटल अरेस्ट एक गंभीर साइबर क्राइम है, इससे आपको बच कर रहना हैं. 

9 महीनों में ही लोगों को हुआ 107.21 करोड़ रुपये का नुकसान

आपको बता दें कि साल 2024 में साइबर केसों की संख्या साल 2022 की तुलना में करीब तीन गुना बढ़ गई हैं. स्कैमर्स हर बार अलग-अलग तरीकों से लोगों को निशाना बना रहे हैं. इसके लिए वो होटल बुकिंग से लेकर कूरियर डिलीवरी तक का सहारा लेते हैं. अभी हाल में वित्त मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों में बताया गया था कि इस वित्तीय वर्ष के शुरुआती 9 महीनों में ही साइबर फ्रॉड के कारण लोगों को 107.21 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है. इस साल अभी तक साइबर अपराध के 13,384 मामले दर्ज हुए हैं. 

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