Digital Arrest:मध्य प्रदेश के इंदौर में अभी हाल ही में एक सनसनीखेज मामला सामने आया था जहां एक महिला से डिजिटल अरेस्ट के माध्यम से एक करोड़ 60 लाख की ऑनलाइन ठगी की गई. जब इस मामले में पुलिस ने एक्शन लिया तो और खातों को फ्रीज कराया तो सामने आया कि इसमें करोड़ों के ट्रांजेक्शन हुए हैं. इस बात से सचेत होकर एमपी को पूरा पुलिस महकमा सक्रिय हो गया है और सायबर सेल के आला अधिकारी एक्टिव हो गए. इसको और ज्यादा प्रभावी बनाने के लिए खुद सायबर सेल के एडीजी सोशल मीडिया पर आए और डिजिटल अरेस्ट और उससे बचने का उपाय शेयर किया.
दरअसल, देश के साथ ही मध्य प्रदेश में भी डिजिटल अरेस्ट के मामले बढ़ते जा रहे हैं. इसी से बचने के लिए मध्य प्रदेश पुलिस ने एक एडवायजरी जारी की है. साथ ही सायबर सेल के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक योगेश देशमुख ने इस पूरे स्कैम के बारे में बताया और उससे अलर्ट रहने के उपाय बताए.
ये भी पढ़ें: Gaya: स्टेज पर डांस कर रही थीं बार गर्ल, युवक ने दिए पैसे तो कनपटी पर चली गोली, Live मर्डर का सामने आया वीडियो
गिरफ्तारी और कोर्ट केस का दिखाते हैं डर
डिजिटल अरेस्ट स्कैम एक ऑनलाइन धोखाधड़ी है, जिसमें साइबर अपराधी लोगों को यह विश्वास दिलाते हैं कि उनके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई हो रही है. यह स्कैम मुख्य रूप से साइकोलॉजी के एक्सपर्ट साइबर ठगों द्वारा किया जाता है जो फर्जी पुलिस अधिकारी, सरकारी एजेंट या साइबर क्राइम ब्रांच के अधिकारी बनकर लोगों को डराते हैं. साथ ही गिरफ्तारी और कोर्ट केस का डर दिखाते हैं. फिर आपको बताया जाता है कि वीडियो कॉलिंग पर बात कर लें जिससे बीच में ही मामले को सुलझा लिया जाएगा. जैसे ही आप इस ट्रैप में फंसते हैं तो फिर आप अपनी कुर्सी से हिल भी नहीं पाते, इसी को डिजिटल अरेस्ट का नाम दिया गया है.
ये भी पढ़ें: PM Modi Next Visit: राष्ट्रपति ट्रंप ने पीएम मोदी को अमेरिका आने के लिए किया आमंत्रित, व्हाइट हाउस के अधिकारी ने की पुष्टि
'गोल्डन मिनट' का करें इस्तेमाल
इससे बचने के लिए बताया गया है कि जिस समय आप ट्रैप हो रहे होते हैं, उसके बाद आपको कुछ 'गोल्डन मिनट'मिलते हैं. उस समय पर आप क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत करते हैं तो आपके खाते से उड़ाई हुई रकम पर ऑटोमैटिक एक्शन होने लगता है. अगर समय रहते यह हो गया तो आपकी रकम बच सकती है. इतना ही नहीं अगर आप इस डिजिटल अरेस्ट से बचना चाहते हैं तो सीधा उससे बोलें कि हम आपके ऑफिस में आकर बात करते हैं. अगर वह मान जाता है तो ठीक, नहीं तो यह ऑनलाइन ठगी का संकेत हो सकता है.