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अजमेर दरगाह दीवान ने PFI पर बैन का किया समर्थन, बोले-देश तोड़ने वालों को यहां रहने का अधिकार नहीं

अखिल भारतीय सूफी सज्जादनशीन परिषद के अध्यक्ष नसीरुद्दीन खान ने भी केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत किया है, उन्होंने कहा कि कोई संस्थान देश से बड़ा नहीं होता।

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Mohit Sharma
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Ajmer Dargah Diwan

Ajmer Dargah Diwan( Photo Credit : FILE PIC)

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केंद्र सरकार के पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर बैन लगाने के फैसले का अजमेर दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन अली खान ने स्वागत किया है। सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के दीवान ने कहा कि ये कार्रवाई आतंकवाद को रोकने के लिए की गई है। केंद्र के इस फैसले का सभी को स्वागत करना चाहिए। जैनुअल आबेदीन अली खान ने आगे कहा कि 'देश सुरक्षित है तो हम सुरक्षित हैं। देश किसी भी संस्था या विचार से बड़ा है। अगर कोई इस देश को तोड़ने, यहां की एकता और संप्रभुता को तोड़ने की बात करता है, देश की शांति बिगाड़ने की बात करता है, तो उसे यहां रहने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि 'पीएफआई के राष्ट्र विरोधी गतिविधियों' की खबरें मिली हैं और इस पर लगाया गया प्रतिबंध देश हित में है। उन्होंने बताया कि दो साल पहले भी मैंने मांग की थी कि सरकार पीएफआई पर प्रतिबंध लगाए। अखिल भारतीय सूफी सज्जादनशीन परिषद के अध्यक्ष नसीरुद्दीन खान ने भी सरकार के इस कदम का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि कोई भी संस्थान देश से बड़ा नहीं होता ।

बता दें कि  केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार देर रात एक अधिसूचना में कहा कि पीएफआई के कुछ संस्थापक सदस्य स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के नेता हैं और पीएफआई के जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) से संबंध हैं। जेएमबी और सिमी दोनों प्रतिबंधित संगठन हैं। पीएफआई के अलावा उनके सहयोगी संगठन रिहैब इंडिया फाउंडेशन, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन, नेशनल विमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन (केरल) पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।

Source : Ajay Sharma

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