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प्रतीकात्मक फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)
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प्रतीकात्मक फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)
अल्बर्ट हाल के म्यूजियम में रखी ममी इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है. वजह जल तांडव के कारण 130 साल बाद ममी को बाहर निकाला है. तहखाना पूरी तरह बर्बाद हो चुका है. अभी भी फर्श गीला है. ममी को ऊपरी तल पर बाहर निकालकर रखा. तभी से ममी चर्चा का विषय बनी हुई है. इससे पहले 2 साल पहले मिस्र से आये दल ने ममी के परीक्षण के बाद बताया था कि ममी में रखी देह सुरक्षित है. देश के 6 शहरों में मिस्र की ममी रखी गई है. जयपुर में रखी ममी पूरी तरह दुरुस्त पाई गई थी. जयपुर के अल्बर्ट म्यूजियम में रखी हुई 322 ईसा पूर्व की एक ममी इन दिनों चर्चा में हैं. यह मिस्र के राजघराने के पुजारी परिवार की महिला तुतु की है. जल तांडव ने ऐसा कहर बरपाया कि 1981 के बाद जयपुर में आई तेज बारिश ने अल्बर्ट हॉल के हाल बेहाल कर दिए. तहखाने करीब 17 हजार एंटीक वस्तुएं पानी में भीग गई. नुकसान का आंकलन किया जा रहा है. अल्बर्ट हॉल के अंदर बाहर फाइलों को सुखाया जा रहा है.
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कला एवं संस्कृति मंत्री बीड़ी कल्ला भी नुकसान का जायजा लेने अल्बर्ट हॉल पहुंचे
कला एवं संस्कृति मंत्री बीड़ी कल्ला भी नुकसान का जायजा लेने अल्बर्ट हॉल पहुंचे. बीड़ी कल्ला ने कहा नुकसान हुआ है, आगे ऐसे हालात नहीं बने इसकी तैयारी हो रही है. जयपुर में हुई भीषण बारिश में पहली बार अल्बर्ट हॉल म्यूजियम में बेसमेंट में 4 इंच पानी भर गया. जिससे म्यूजियम के बेसमेंट की गैलरी में रखी 2350 साल पुरानी ममी के पानी में डूबने का खतरा मंडरा गया. अल्बर्ट हॉल प्रशासन ने आनन-फानन में बोक्स का कांच तोड़कर ममी को बाहर निकाला और डूबने से बचाया. ममी को सुरक्षित स्थान पर रखा गया. इस ममी को 19वीं सदी के अंतिम दशक में मिस्र के काहिरा से जयपुर लाया गया था. यह ममी मिस्र के राजघराने के पुजारी खेम परिवार की महिला तुतु की है. यह अल्बर्ट म्यूजियम की स्थापना के सयम से यानि 133 साल से यहां रखी हुई है. 1887 में इस ममी को लाया गया. 1890 में अल्बर्ट बनने के साथ ही इसको यहां रखा गया. ममी का जायजा लेने के लिए 9 साल पहले 2011 में एक्सरे किया गया.
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ममी मिस्र के प्राचीन नगर पैनोपोलिस में अखमीन से प्राप्त हुई थी
तुतु नामक महिला की संरक्षित मृतदेह (डेडबॉडी) यानी ममी मिस्र के प्राचीन नगर पैनोपोलिस में अखमीन से प्राप्त हुई थी. यह 322 से 30 ईस्वी पूर्व के टौलोमाइक युग की बताई जाती है. यह महिला खेम नामक देव के उपासक पुरोहितों के परिवार की सदस्य थी. 130 साल बाद ममी को सीसा तोड़कर बाहर निकाला. ममी की देह के ऊपरी आवरण पर प्राचीन मिस्र का पंखयुक्त पवित्र भृंग (गुबरैला) का प्रतीक अंकित है. जो मृत्यु के बाद जीवन और पुनर्जन्म का प्रतीक माना जाता है. पवित्र भृंग के दोनों ओर प्रमुख देव का शीर्ष तथा सूर्य के गोले को पकड़े श्येन पक्षी के रूप में होरस देवता का चित्र है. फिलहाल यह ममी लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी है. साथ ही चर्चा हो रही है ममी को सुरक्षित बचाने की. अल्बर्ट हॉल के भारी नुकसान हुआ है.