पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिये आगे के रास्ते तथा कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार के बीच लॉकडाउन तीन से बाहर निकलने की रणनीति के बारे में बताने का आग्रह किया. राजस्व में कमी और कोरोना वायरस के संक्रमण के नियंत्रण और प्रबंधन पर किए गए उच्च खर्चे को पूरा करने के लिए राज्यों को तीन महीने का अनुदान देने की अपनी मांग दोहराते हुए कैप्टन ने यह गुहार लगाई.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा, 'बाहर निकलने की रणनीति न सिर्फ कोविड-19 को सुरक्षित सीमा के भीतर रखने के लिए मापदंडों को निर्धारित करने वाली बल्कि आर्थिक पुनरुत्थान के रास्ते को भी परिभाषित करने वाली होनी चाहिये . इसे राज्यों के राजकोषीय और आर्थिक सशक्तिकरण पर ध्यान देना चाहिए और विचार करना चाहिये.’
इसे भी पढ़ें:मुंबई: आर्थर जेल में भी कोरोना वायरस का कहर, 77 कैदी और 26 स्टाफ पॉजिटिव
राजस्व अनुदान की मांग को उठाने के अलावा मुख्यमंत्री ने केंद्र से 15 वें वित्त आयोग को मौजूदा वित्त वर्ष के लिए अपनी रिपोर्ट की समीक्षा करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया, क्योंकि कोविड-19 महामारी के कारण स्थिति पूरी तरह से बदल चुकी है . सिंह ने प्रधानमंत्री से 17 मई को लॉकडाउन के तीसरे चरण के समाप्त होने के बाद स्पष्ट रणनीति और रास्ता तैयार करने में राज्यों को सक्षम बनाने के वास्ते विभिन्न मंत्रालयों को आवश्यक निर्देश देने का भी आग्रह किया.
और पढ़ें: Palghar murder case: न्यूज नेशन की खबर का असर, गृह मंत्रालय ने पालघर के SP को लंबी छूटी पर भेजा
मुख्यमंत्री ने इंगित किया कि यह आवश्यक है क्योंकि कोविड-19 और उसके बाद के लॉकडाउन के कारण अप्रत्याशित रूप से नौकरियां गयी हैं, व्यवसायों और आर्थिक अवसरों का नुकसान हुआ है और इसके ठीक-ठीक प्रभावों का अबतक पता नहीं चल पाया है . उन्होंने पत्र में यह भी कहा कि इस बात की भलीभांति जानकारी थी कि अर्थव्यवस्था में सुस्ती आ गई है और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में भी बढ़ोतरी नहीं होगी . मुख्यमंत्री ने दावा किया कि अप्रैल 2020 में पंजाब के राजस्व में 88 प्रतिशत तक की गिरावट आई है .
Source : Bhasha