अगर मोदी सरकार जिद्द पर अड़ी है तो ‘आप’ किसानों के साथ मजबूती से खड़ी है-भगवंत मान
भगवंत मान ने कहा कि वह दो हफ्तों से संसद में किसानों की आवाज बुलंद कर रहे हैं और लगातार ‘काम रोको प्रस्ताव’ पेश कर रहे हैं, जिसमें काले कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए संसद में चर्चा करवाने की मांग की जा रही है.
highlights
- भगवंत मान ने कहा कि प्रधानमंत्री की जिद्द वाली नीति ‘अन्नदाता और देश’ के लिए नुक़सानदायक है
- किसानों के हित में ‘नया बिजली संशोधन बिल’ संसद में पेश करने से बचना चाहिए
- मान ने कहा कि किसान जमीन और अपने अस्तित्व की रक्षा की खातिर संघर्ष कर रहे हैं
चंडीगढ़:
काले तीन कृषि कानूनों पर संसद में चर्चा न करवाने वाली नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की अलोचना करते आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के अध्यक्ष व सांसद भगवंत मान ने कहा, ‘अगर मोदी सरकार अपनी जिद्द पर अड़ी है तो ‘आप’ किसानों के साथ मजबूती से खड़ी है.’ शुक्रवार को यहां से जारी एक बयान के द्वारा भगवंत मान ने कहा कि वह दो हफ्तों से संसद में किसानों की आवाज बुलंद कर रहे हैं और लगातार ‘काम रोको प्रस्ताव’ पेश कर रहे हैं, जिसमें काले कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए संसद में चर्चा करवाने की मांग की जा रही है.
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नरेंद्र मोदी सरकार की अलोचना करते भगवंत मान ने कहा कि प्रधानमंत्री की जिद्द वाली नीति ‘अन्नदाता और देश’ के लिए नुक़सानदायक है, जिसको छोड़ देना चाहिए. ‘आप’ संसद ने मोदी सरकार से मांग की है कि तीन काले कृषि कानूनों को रद्द करना चाहिए और किसानों के हित में ‘नया बिजली संशोधन बिल’ संसद में पेश करने से बचना चाहिए. मान ने कहा कि एक तरफ देश के किसान जमीन और अपने अस्तित्व की रक्षा की खातिर संघर्ष कर रहे हैं, दूसरी ओर नरेंद्र मोदी सरकार जमीन और जमीर को चंद पूंजीपतियों के हवाले करने की जिद्द पर अड़ी हुई है, जो बहुत ही निंदनीय है. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी को अपने मित्र कॉर्पोरेट घरानों की बजाए हर देश वासी के प्रधानमंत्री के तौर पर काम करना चाहिए.
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आपको बता दें कि कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान नेताओं ने घोषणा की है कि उनका इरादा राष्ट्रीय राजधानी के बीचों-बीच जंतर-मंतर पर 13 अगस्त तक 'किसान संसद' जारी रखने का है. दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ जंतर-मंतर पर किसानों के प्रदर्शन की अनुमति इस शर्त पर दी थी कि 9 अगस्त को सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे के बीच अधिकतम 200 प्रदर्शनकारियों को अनुमति दी जाएगी. गुरुवार को आंदोलनकारी किसान जंतर-मंतर पर व्यापक इंतजामों के साथ पहुंचे. एक किसान नेता ने आईएएनएस को बताया कि एक लाख से अधिक किसान जंतर मंतर पहुंचने के लिए तैयार हैं, लेकिन पुलिस ने प्रतिदिन केवल 200 लोगों को ही जाने की अनुमति दी है.
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