पंजाब: राजकीय सम्मान के साथ होगी मिल्खा सिंह की विदाई, शोक में एक दिन का अवकाश
Punjab Chief Minister Captain Amarinder Singh ने कहा कि हम मिल्खा सिंह को पंजाब में राजकीय सम्मान दे रहे हैं और उनके निधन के शोक में एक दिन की छुट्टी की घोषणा की गई है
highlights
- मिल्खा सिंह को श्रद्धांजलि देने उनके घर पहुंचे CM कैप्टन अमरिंदर सिंह
- मिल्खा सिंह के निधन को CM अमरिंदर ने बताया एक युग का अंत
- मिल्खा सिंह के निधन के शोक में एक दिन की छुट्टी की घोषणा की गई
चंडीगढ़:
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Punjab Chief Minister Captain Amarinder Singh) ने कहा कि हम मिल्खा सिंह (Milkha Singh )को पंजाब में राजकीय सम्मान दे रहे हैं और उनके निधन के शोक में एक दिन की छुट्टी की घोषणा की गई है. उन्होंने कहा कि उनका जाना हम सभी के लिए बहुत बड़ी क्षति है. युवा पीढ़ी उनसे प्रेरणा लेगी. पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि महान एथलीट मिल्खा सिंह का निधन एक युग का अंत है और उनके जाने से भारत और पंजाब एक लिहाज से गरीब हुए हैं. हरियाणा के उनके समकक्ष मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि देश ने एक सितारा खो दिया है.
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मिल्खा सिंह के निधन से युग का अंत: अमरिंदर
अमरिंदर सिंह ने एक ट्वीट में कहा, मिल्खा सिंह जी के निधन के बारे में सुनकर दुखी हूं. यह एक युग के अंत का प्रतीक है. शोक संतप्त परिवार और लाखों प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदना.फ्लाइंग सिख की किंवदंती आने वाली पीढ़ियों के लिए गूंजेगी. आपकी आत्मा को शांति मिले- सर! खट्टर ने कहा, मिल्खा सिंह हमें छोड़कर चले गए हैं, लेकिन वह हमेशा हर भारतीय को देश के लिए चमकने के लिए प्रेरित करेंगे. 91 वर्षीय मिल्खा सिंह का यहां स्थानीय अस्पताल में रात 11.30 बजे निधन हो गया. मिल्खा को चंडीगढ़ के पीजीआईएमईआर अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती कराया गया था. मिल्खा परिवार ने एक बयान जारी कर इस महान धावक के निधन की पुष्टि की. पूर्व एथलीट, जिसे 'फ्लाइंग सिख' नाम से भी माना जाता है, को एक सप्ताह तक मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में इलाज के बाद ऑक्सीजन के स्तर में गिरावट के बाद 3 जून को पीजीआईएमईआर में भर्ती कराया गया था. मिल्खा ने एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता में चार बार स्वर्ण पदक जीता है और 1958 के राष्ट्रमंडल खेलों में भी स्वर्ण पदक जीता था. हालांकिक, 91 वर्षीय को 1960 के रोम ओलंपिक के 400 मीटर फाइनल में उनकी एपिक रेस के लिए याद किया जाता है.
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1956 और 1964 के ओलंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया
उन्होंने 1956 और 1964 के ओलंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया है और उन्हें 1959 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था. बीते 13 जून को ही मिल्खा सिंह की पत्नी निर्मल कौर का कोरोना के कारण निधन हो गया था. सिंह के परिवार में तीन बेटियां डॉ मोना सिंह, अलीजा ग्रोवर, सोनिया सांवल्का और बेटा जीव मिल्खा सिंह हैं. गोल्फर जीव, जो 14 बार के अंतरराष्ट्रीय विजेता हैं, भी अपने पिता की तरह पद्म श्री पुरस्कार विजेता हैं.
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