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पंजाब के सत्ताधारी कांग्रेस पर आम आदमी पार्टी ने दागे सवाल

अमन अरोड़ा ने कहा कि विधानसभा चुनाव में महज छह महीने बचे हैं, बादलों की तरह कांग्रेस सरकार में भी कानून-व्यवस्था बिगड़ती जा रही है.

Updated on: 17 Aug 2021, 07:50 PM

highlights

  • अमन अरोड़ा ने कहाः चुनावों से पहले पंजाब में क्यों बढ़ जाता है देश विरोधी ताकतों का खतरा
  • सिद्धू से पूछाः क्या कैप्टन का गृह मंत्री बने रहना पंजाब तथा देश की सुरक्षा के लिए सही है
  • अमन अरोड़ा ने कहा जनता का राज्य सरकार पर से भरोसा उठ गया है

चंडीगढ़:

आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब में पैदा हो रहे अस्थिर और दहशत भरे माहौल को गंभीरता से लेते हुए सवाल किया है कि क्यों पंजाब हर बार चुनाव से पहले राष्ट्र विरोधी ताकतों का निशाना बनता है और चुनाव के बाद ऐसे देश विरोधी तत्व कहां गायब हो जाते हैं, जिन्हें देश और राज्य की खुफिया और सुरक्षा एजेंसियां भी ढूंढ नहीं पाती? मंगलवार को पार्टी कार्यालय से जारी एक बायान में आप के सीनियर लीडर तथा विधायक अमन अरोड़ा ने प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश में बदतर कानून व्यवस्था को लेकर राज्य और केंद्र सरकार के मंसूबों पर उंगली उठाई. अमन अरोड़ा ने कहा कि विधानसभा चुनाव में महज छह महीने बचे हैं, बादलों की तरह कांग्रेस सरकार में भी कानून-व्यवस्था बिगड़ती जा रही है. ऐसे में जनता का राज्य सरकार पर से भरोसा उठ गया है, लेकिन पंजाब की जनता को सलाम है,जिसने बिगड़ती कानून व्यवस्था के बावजूद आपसी सदाचार और सद्भाव बनाए रखा है.

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उन्होंने कहा कि यह चिंताजनक बात है कि काले दौर के बाद जब भी पंजाब में आम चुनाव होते हैं, उस से पहले देश विरोधी ताकतें सुर्खियां बटोरना शुरू कर देती हैं. इससे पंजाब की जनता के मन में डर पैदा होना लाजमी है. अमन अरोड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री हमेशा राष्ट्र विरोधी ताकतों का हवाला देकर राज्य और राज्य में कानून व्यवस्था खतरे में होने का राग अलापते रहते हैं. यह राग पिछले 10 दिनों में 2-3 बार दोहराया गया है. ड्रोन के जरिए सीमा पार से आतंकी गतिविधियों की खबरें आती रही हैं. हथगोले बरामद किए जा रहे हैं और राष्ट्र विरोधी तत्वों को गिरफ्तार किया जा रहा है. इस तरह की आतंकी सुर्खियों की बढ़ती संख्या और भी चिंताजनक है, क्योंकि विधानसभा चुनाव में केवल छह महीने बचे हैं. उन्होंने आगे कहा कि देश की बाहरी और अंदरुनी सुरक्षा से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं होना चाहिए. देश विरोधी ताकतों पर कड़ी नजर रखना हमारे राज्य और केंद्रीय एजेंसियों की जिम्मेदारी है. जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हम सभी को सतर्क रहना चाहिए और सरकारी तंत्र को सहयोग करना चाहिए, लेकिन चुनाव से पहले एक विशेष शैली में पैदा होने वाले भय और धमकी का माहौल सोच से परे है जोकि तरह तरह के संदेह पैदा करता है. इसलिए हर नागरिक के लिए ऐसी घटनाओं और खबरों के प्रति जागरूक और सतर्क रहना और भी जरूरी हो गया है. अमन अरोड़ा ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से स्पष्टीकरण मांगते हुए कहा कि बतौर गृह मंत्री उन्हें जनता को बताना होगा कि क्या चुनाव से पहले देश विरोधी ताकतों का सक्रिय होने के पीछे प्रदेश और केंद्र की सुरक्षा तथा खुफिया तंत्र की असफलता और कमजोरी है या फिर लोगों के मन में आतंक पैदा करने की राजनीतिक साजिश है?

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अरोड़ा ने सत्ताधारी कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू को भी आड़े हाथ लेते हुए पूछा कि साढ़े चार सालों के बाद भी मोड़ बम ब्लास्ट के पीड़ितों को इंसाफ क्यों नहीं मिल पाया तथा दोषियों को ढूंढने में पूरी तरह विफल रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह का गृह मंत्री बने रहना पंजाब तथा देश की सुरक्षा के लिए सही है? उन्होंने आरोप लगाया कि कैप्टन तथा बादलों की मिलीभगत के चलते मोड़ बम ब्लास्ट कांड की जांच अभी तक सिरे नहीं चढ़ पाई है. अरोड़ा ने कहा कि एक तरफ कैप्टन अमरिन्दर सिंह पाकिस्तान समेत देश विरोधी ताकतों को सबक सिखाने की बात कर रहे हैं और दूसरी तरफ बतौर गृह मंत्री और मुख्यमंत्री कैप्टन अपने सीमावर्ती राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था को सुधारने में बुरी तरह विफल हो रहे हैं. अमन अरोड़ा ने प्रदेश में सरेआम हो रही जानलेवा गैंगवार,बलात्कार,चोरी, डकैती, फिरौती और अशांति व अन्य घटनाओं की ओर मुख्यमंत्री का ध्यान खींचते हुए कहा कि वह अब सैनिक नहीं हैं जो केवल सीमा पार बाहरी ताकतों से ही निपटेंगे. अब वह एक सीमांत राज्य के गृह मंत्री और मुख्यमंत्री हैं, राज्य की आंतरिक कानून व्यवस्था बनाए रखना उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी है, जिसे वह पूरा करने में विफल रहे हैं.