/newsnation/media/media_files/2025/06/04/DnMyFTOwGxUEXIAhX1Dx.jpg)
अरुणाचल में कुदरत का कहर Photograph: (Social Media)
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
Arunachal Pradesh Rain: पूर्वोत्तर के राज्यों में इनदिनों कुदरत ने कहर बरपाया दिया है. अरुणाचल प्रदेश भी इससे अछूता नहीं रहा है. यहां भी पिछले कई दिनों से भारी बारिश हो रही है. जिसमें अब तक दर्जनभर लोगों की जान चुकी है.
अरुणाचल में कुदरत का कहर Photograph: (Social Media)
Arunachal Pradesh Rain: पूर्वोत्तर के सभी राज्यों में पिछले सप्ताह से भारी बारिश हो रही है. इस बीच चीन से सटे अरुणाल प्रदेश में भी कुदरत का कहर देखने को मिल रहा है. यहां भी पिछले कई दिनों से भारी बारिश हो रही है. बुधवार को भी राज्य में बारिश का दौर देखा गया. जिसके चलते बाढ़ और भूस्खलन की समस्या पैदा हो गई है. इन प्राकृतिक आपदों के चलते राज्य में अब तक कम से कम 12 लोगों की जा चुकी है, जबकि 3000 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं. राज्य के 23 जिले बाढ़ और भूस्खलन से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं.
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल मानसून की बारिश के चलते भूस्खलन और बाढ़ के कारण कम से कम 12 लोगों की जान गई है, जबकि दो लोग लापता हैं. जिनकी तलाश की जा रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि दिबांग घाटी और अंजॉ जिलों में मागी और सिजी के पास लिकाबाली-आलो राजमार्ग पर ताजा भूस्खलन की सूचना मिली है, जिससे वाहनों की आवाजाही बाधित हो गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य की कई प्रमुख नदियां उफान पर हैं. भूस्खलन और बाढ़ से संबंधित घटनाओं के कारण हुई मौतों में से सात पूर्वी कामेंग, दो निचले सुबनसिरी से और एक-एक लोंगडिंग, लोहित और अंजॉ जिलों से हुई हैं.
अधिकारियों के मुताबिक, नौ लोगों की मौत भूस्खलन के कारण हुई हैं जबकि एक शख्स बाढ़ के चलते मारा गया है. वहीं एक अन्य शख्स दीवार गिरने के कारण जान से हाथ धो बैठा. वहीं मई में लोंगडिंग जिले में खराब मौसम के दौरान पेड़ गिरने से एक व्यक्ति की मौत हुई है. अधिकारियों ने बताया कि प्राकृतिक आपदाओं के दौरान चार अन्य लोग घायल भी हुए. एक अन्य अधिकारी ने बताया कि अरुणाचल प्रदेश में बाढ़ और भूस्खलन से 3,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. चांगलांग सबसे अधिक प्रभावित जिला है, जहां छह गांव जलमग्न हो गए हैं और 2,231 लोग बेघर हो गए हैं.
यहां अचानक आई बाढ़ ने ट्रांस-अरुणाचल राजमार्ग पर माकनटोंग पुल का आधा हिस्सा बहा दिया, जिससे मियाओ और बोर्डुमसा के बीच सड़क संपर्क टूट गया. अधिकारियों ने बताया कि मियाओ उपखंड के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं. जहां पशुधन और बागवानी संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचा है. चांगलैंड में नोआ-देहिंग नदी के पास ज़ुप्रा और रिवर कैफे जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल बाढ़ के पानी में डूब गए हैं.
ये भी पढ़ें: Northeast Flood: असम-मणिपुर में बारिश का कहर, पूर्वोत्तर में 48 मौतें, 600 भूस्खलन, 1500 गांव जलमग्न
ये भी पढ़ें: भारत की इन यूनिवर्सिटी को माना जाता है सफलता की गारंटी, जहां पढ़ना होता है हर स्टूडेंट्स का सपना