उद्धव ठाकरे जन्मदिन: 60 साल के हुए उद्धव, जानें एक फोटोग्राफर से CM बनने तक का सफर

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे आज अपना 60वां जन्मदिन मना रहे हैं. कोरोना संकट के दौर में ठाकरे इस बार अपने जन्मदिन का उत्सव नहीं मना रहे हैं.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे आज अपना 60वां जन्मदिन मना रहे हैं. कोरोना संकट के दौर में ठाकरे इस बार अपने जन्मदिन का उत्सव नहीं मना रहे हैं.

author-image
Dalchand Kumar
New Update
Uddhav

60 साल के हुए उद्धव ठाकरे, जानें एक फोटोग्राफर से CM बनने तक का सफर( Photo Credit : फाइल फोटो)

महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुख्यमंत्री और शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे आज अपना 60वां जन्मदिन मना रहे हैं. कोरोना संकट के दौर में ठाकरे इस बार अपने जन्मदिन का उत्सव नहीं मना रहे हैं. हालांकि उनको जन्मदिन की बधाई देने वालों की लिस्ट लंबी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) समेत देश के तमाम बड़े दिग्गज उद्धव ठाकरे को जन्मदिन की बधाई दे रहे हैं. उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने इन 60 सालों में अपनी जिंदगी में कई मुकाम हासिल किए हैं. कभी एक मशहूर फोटोग्राफर रहे उद्धव ठाकरे आज महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हैं. चलिए आपको बताते हैं कि उद्धव ठाकरे के फोटोग्राफर से किंगमेकर बनने तक का सफर के बारे में...

Advertisment

यह भी पढ़ें: मोदी है तो मुमकिन हैः रूस ने निभाई भारत से दोस्ती, चीन को नहीं देगा S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम

फोटोग्राफर कैसे बना राजनेता?

उद्धव ठाकरे का जन्म 27 जुलाई 1960 को हुआ था. उनकी शुरुआती पढ़ाई मुंबई के बालमोहन विद्यामंदिर से हुई. यहां से पढ़ाई के बाद उद्धव ठाकरे ने जेजे स्कूल ऑफ आर्ट्स में दाखिला लिया था. पढ़ाई के साथ-साथ उनका कलाओं, खासकर फोटोग्राफी की ओर झुकाव रहा. इसी झुकाव ने शुरुआत में उद्धव ठाकरे को नई पहचान दिलाई. उन्होंने मुंबई शहर की हवाई तस्वीरें भी खींची थी, जिनकी 2004 में बाकायदा प्रदर्शनी भी लगी. इतना ही नहीं उद्धव ठाकरे की 2010 में 'महाराष्ट्र देश' और 2011 में 'पहावा विट्ठल' नाम से फोटोग्राफी की दो किताबें भी छपीं.

बताया जाता है कि ठाकरे की राजनीति में आने की दिलचस्पी नहीं थी. शिवसेना को चलाने में ठाकरे की कभी सीधी रुचि नहीं थी. मगर राजनीति में दिलचस्पी न होने के बावजूद धीरे-धीरे वर्ष 1994 तक उद्धव ठाकरे की राजनीति में एंट्री हो गई. मां मीनाताई की इच्छा के चलते उद्धव राजनीति में आए. जब उद्धव 34 बरस के थे तो मां ने उनको अपने मन की बात बताई थी और कहा था कि वो भई पार्टी के कार्यक्रमों में जाया करे. मां की आज्ञा का पालन करते हुए उद्धव पहली बार 1994 में किसी कार्यक्रम में दिखे.

यह भी पढ़ें: भारत आ रहा है 'गेंमचेंजर' फाइटर जेट, फ्रांस से राफेल (Rafale) विमान रवाना

उद्धव ठाकरे की जिद ने महाराष्ट्र में सियासत को नई करवट लेने पर मजबूर किया. उन्होंने अबतक अपने पिता बाल ठाकरे के साए में रहकर ही राजनीति की थी, लेकिन पहली बार वो अपनी राजनीति को नए सिरे से परिभाषित कर रहे हैं. हां, ये बात भी समझनी होगी कि उद्धव ठाकरे को राजनीति भले विरासत में मिली हो, लेकिन 2003 में शिवसेना की कमान हासिल करने के बाद से ही वह पार्टी को कई मुश्किल हालात से निकालकर यहां तक लेकर आए हैं.

2019 के विधानसभा चुनाव में उनकी बीजेपी से सांठगांठ थी, लेकिन जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर बात बिगड़ी गई. लिहाजा शिवसेना ने बीजेपी के नाता तोड़ दिया. और कई दिनों की उठापटक के बाद शिवसेना ने सशर्त कांग्रेस और एनसीपी से हाथ मिला था. जिसके बाद महाराष्ट्र में 'महाविकास अघाड़ी' गठबंधन का जन्म हुआ. नतीजन शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के समर्थन के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में सरकार बनाई. फिलहाल महाराष्ट्र की कमान उद्धव ठाकरे संभाले हुए हैं.

Shiv Sena maharashtra Uddhav Thackeray
      
Advertisment