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महाराष्ट्र: MVA गठबंधन ने राष्ट्रपति शासन की मांग की आलोचना की, BJP भी इसके पक्ष में नहीं

भाजपा के एक सांसद द्वारा महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग किए जाने के एक दिन बाद मंगलवार को सत्तारूढ़ महाराष्ट्र विकास आघाड़ी (MVA) के नेताओं ने विपक्षी दल पर राज्य सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया.

Updated on: 26 May 2020, 11:48 PM

मुंबई:

भाजपा के एक सांसद द्वारा महाराष्ट्र (Maharashtra) में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग किए जाने के एक दिन बाद मंगलवार को सत्तारूढ़ महाराष्ट्र विकास आघाड़ी (MVA) के नेताओं ने विपक्षी दल पर राज्य सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया. दूसरी तरफ, भाजपा ने इससे इनकार किया कि वह राष्ट्रपति शासन चाहती है, लेकिन कहा कि राज्य सरकार कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रही है. 

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राज्य में केंद्रीय शासन की मांग से अपनी पार्टी को दूर करते हुए भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के इस बयान को लेकर उन पर हमला बोला कि राज्य में सरकार का नेतृत्व कांग्रेस नहीं कर रही. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस महाराष्ट्र सरकार की विफलता की जिम्मेदारी से बचने और दोष शिवसेना पर मढ़ने की कोशिश कर रही है.

भाजपा के राज्यसभा सदस्य नारायण राणे ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से सोमवार को मुलाकात की और वैश्विक महामारी से निपटने में शिवसेना नीत राज्य सरकार की विफलता के मद्देनजर राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की. राणे के अतिरिक्त भाजपा के कुछ अन्य नेताओं और राकांपा प्रमुख शरद पवार ने भी सोमवार को राज्यपाल से मुलाकात की. बाद में, पवार ने उद्धव ठाकरे से मुलाकात की. इस पर पलटवार करते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि अगर राष्ट्रपति शासन लगाना ही है तो केंद्र को गुजरात में इसे लगाना चाहिए.

राउत ने कहा कि अगर आप कोविड-19 स‍ंकट से निपटने को लेकर गुजरात उच्च न्यायालय की टिप्पणी देखें तो (गुजरात) राज्य का प्रदर्शन महाराष्ट्र की तुलना में बुरा है. भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने राणे के बयान से पार्टी को अलग कर लिया. मुनगंटीवार ने कहा कि भले ही महाराष्ट्र में कोविड-19 की स्थिति “भयावह” है लेकिन राष्ट्रपति शासन लगाने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के पास पर्याप्त संसाधन हैं लेकिन राज्य सरकार सारी कोशिशें नहीं कर रही है.

राज्य के मंत्री एवं राकांपा नेता नवाब मलिक ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने के बारे में भाजपा अफवाह फैला रही है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 पर नियंत्रण के लिए राज्य सरकार केंद्र के निर्देशों का कड़ाई से पालन कर रही है. कांग्रेस नेता और राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट ने कहा कि प्रदेश भाजपा के नेता सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन चिंता करने की कोई बात नहीं है.

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थोराट ने यहां संवाददाताओं से कहा कि प्रदेश में भाजपा नेता सत्ता के लालची हैं। वे वर्तमान स्थिति में सरकार की मदद करने की नहीं सोच सकते बल्कि वे सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं. देश में कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा 52,000 मामले महाराष्ट्र में आए हैं. भाजपा संकट से निपटने में राज्य सरकार की क्षमता पर सवाल उठा रही है. फडणवीस ने इस आरोप को खारिज किया कि भाजपा चालबाजी से राज्य की सत्ता हथियाना चाहती है। उन्होंने कहा, ‘‘हम महाराष्ट्र में सरकार बनाने की जल्दबाजी में नहीं हैं.

सरकार खुद के विरोधाभासों और समन्वय के अभाव में अपने आप गिर जाएगी. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘भाजपा नेताओं सुब्रमण्यम स्वामी और नारायण राणे ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। इसमें भाजपा की कोई भूमिका नहीं है.