महाराष्ट्र सरकार ट्रेनों पर राजनीति कर रही है, 145 ट्रेनों में से 10प्रतिशत से कम चलीं: पीयूष गोयल
महाराष्ट्र सरकार और रेल मंत्रालय के बीच विवाद थमता नजर नहीं आ रहा क्योंकि रेलवे ने मंगलवार को आरोप लगाया कि राज्य सरकार प्रवासियों के मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही है, ट्रेन तैयार हैं बावजूद इसके यात्री उपलब्ध नहीं हैं.
दिल्ली:
महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra government) और रेल मंत्रालय के बीच विवाद थमता नजर नहीं आ रहा क्योंकि रेलवे ने मंगलवार को आरोप लगाया कि राज्य सरकार प्रवासियों के मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही है, ट्रेन तैयार हैं बावजूद इसके यात्री उपलब्ध नहीं हैं. रेल मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने चार घंटों के अंदर एक के बाद एक कई ट्वीट करके कहा कि महाराष्ट्र से जिन श्रमिक विशेष ट्रेनों को चलाने की योजना थी वो विफल हो गयी क्योंकि राज्य सरकार की तैयारियों में कमी थी.
केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट किया कि रेलवे ने मंगलवार को 145 ट्रेनों के संचालन की योजना बनाई थी लेकिन यात्रियों की कमी के चलते वास्तव में 10 प्रतिशत से भी कम ट्रेनें चल सकीं. गोयल ने ट्वीट किया कि शाम छह बजे तक 145 में से 85 ट्रेनों महाराष्ट्र से अब तक चल देना था, इनमें से सिर्फ 27 ही चल सकीं क्योंकि राज्य सरकार यात्रियों की व्यवस्था नहीं कर पाई. मैं एक बार फिर महाराष्ट्र सरकार से अनुरोध करता हूं कि गरीब मजदूरों को उनके घर पहुंचाने में हमारी मदद कीजिए.
इससे पहले उन्होंने ट्वीट किया था कि रेलवे ने अपराह्न तीन बजे तक महाराष्ट्र से 50 ट्रेन चलाने की योजना बनाई थी, लेकिन सिर्फ 13 का ही संचालन हो सका. उन्होंने ट्वीट किया, “महाराष्ट्र सरकार के अनुरोध पर हमनें आज 145 श्रमिक विशेष ट्रेनों की व्यवस्था की। यह ट्रेन सुबह से तैयार खड़ी हैं. अपराह्न तीन बजे तक 50 ट्रेनों को रवाना हो जाना था लेकिन यात्रियों की कमी की वजह से सिर्फ 13 रवाना हुईं.”
उन्होंने ट्वीट में कहा कि मैं महाराष्ट्र सरकार से अनुरोध करता हूं कि यह सुनिश्चित करने में पूर्ण सहयोग दें कि परेशान प्रवासी श्रमिक अपने घर पहुंचे और श्रमिकों को समय पर स्टेशन पहुंचाया जाए, और विलंब न करें. इससे समूचा नेटवर्क और योजना प्रभावित होगी. उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र सरकार प्रवासी मजदूरों की मुश्किलों का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रही है.
रेलवे ने इससे पहले एक बयान जारी कर कहा कि उसने 25 मई को महाराष्ट्र से प्रवासी मजदूरों को निकालने के लिये 125 ट्रेनों की योजना तैयार की थी लेकिन राज्य सरकार देर रात दो बजे तक सिर्फ 41 ट्रेनों के लिये ही जानकारी दे पाई. रेलवे ने बयान में कहा कि इन 41 ट्रेनों में से सिर्फ 39 ट्रेन ही चलाई जा सकीं क्योंकि स्थानीय अधिकारी यात्रियों को नहीं ला पाए और इन दो ट्रेनों को रद्द करना पड़ा. इसमें कहा गया है कि काफी प्रयासों और सावधानीपूर्वक योजना के बाद रेलवे बेहद कम समय में अपने संसाधनों को तैयार करता है और उसने 26 मई को महाराष्ट्र से 145 श्रमिक ट्रेनों के संचालन की योजना तैयार की थी.
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बयान में कहा गया, दोपहर 12 बजे तक महाराष्ट्र से 25 ट्रेनों को रवाना करने की योजना थी लेकिन कोई भी ट्रेन रवाना नहीं हुई क्योंकि यात्री नहीं आ सके थे. पहली ट्रेन में यात्रियों को बैठाने का काम साढ़े बारह बजे शुरू हो सका. रेलवे के मुताबिक 68 ट्रेनों को उत्तर प्रदेश, 27 को बिहार, 41 को पश्चिम बंगाल तथा छत्तीसगढ़, राजस्थान, झारखंड, उत्तराखंड और केरल के लिए एक-एक ट्रेन तथा ओडिशा व तमिलनाडु के लिये दो-दो ट्रेन चलाने की योजना है. श्रमिक विशेष ट्रेनों को लेकर बीते दो दिनों से गोयल और महाराष्ट्र सरकार के बीच सियासी बयानबाजी जारी है और राज्य का आरोप है कि उसे पर्याप्त ट्रेन मुहैया नहीं कराई जा रही हैं.
गोयल ने रविवार रात कहा, “हम महाराष्ट्र को 125 श्रमिक विशेष ट्रेन उपलब्ध कराने के लिये तैयार हैं. उन्होंने ट्वीट किया कि चूंकि आपने कहा कि आपके पास एक सूची तैयार है इसलिए मैं आपसे सभी सूचनाएं अगले घंटे में मध्य रेलवे के महाप्रबंधक को उपलब्ध कराने का आग्रह करता हूं जैसे कि ट्रेन कहां से चलेगी, ट्रेनों के मुताबिक यात्रियों की सूची, उनका चिकित्सीय प्रमाण-पत्र और ट्रेन कहां जाएगी आदि ताकि हम ट्रेनों के समय की योजना बना पाएं.
इस पर टिप्पणी करते हुए राउत ने ट्वीट किया कि महाराष्ट्र सरकार ने आपको श्रमिकों की सूची सौंपी है, जो घर जाना चाहते हैं. आपसे केवल यह अनुरोध है कि ट्रेनें पूर्व में की गई घोषणा के मुताबिक स्टेशन पहुंच जाएं. शिवसेना से राज्यसभा के सदस्य ने कटाक्ष करते हुए कहा कि गोरखपुर जाने वाली ट्रेन ओडिशा पहुंच गई थी. उन्होंने गोयल से यह भी पूछा कि क्या रेल मंत्रालय ने 14 मई को नागपुर-उधमपुर प्रवासी ट्रेन चलाने के दौरान भी ऐसी सूची बनाई थी.
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