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चीन राष्ट्रपति शी जिंनपिंग ने अपनी सेना को युद्ध के लिए तैयार रहने को कहा

भारत के साथ सीमा विवाद और अमेरिका (US) के साथ कोरोना वायरस को लेकर चल रहे गतिरोध के बीच चीन ने मंगलवार को बड़ा ऐलान किया है.

Updated on: 26 May 2020, 10:25 PM

नई दिल्ली:

भारत (India) के साथ सीमा विवाद और अमेरिका (US) के साथ कोरोना वायरस को लेकर चल रहे गतिरोध के बीच चीन ने मंगलवार को बड़ा ऐलान किया है. चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग (Xi jinping) ने अपने देश की सेना को युद्ध के लिए तैयार रहने के आदेश दिए हैं. साथ ही उन्‍होंने कोविड-19 महामारी के चीन की राष्‍ट्रीय सुरक्षा पर पड़ रहे सीधे प्रभाव से निपटने को तैयार रहने के लिए कहा है.

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शी जिनपिंग ने कहा है कि कोविड 19 से लड़ने को लेकर चीन का प्रदर्शन सैन्‍य रिफॉर्म्‍स की सफलता को दर्शाता है. ऐसे में सशस्‍त्र बलों को महामारी के बावजूद प्रशिक्षण के नए तरीके खोजने की जरूरत है. शी जिनपिंग चीन के सशक्‍त सेंट्रल मिलेट्री कमीशन की अध्‍यक्षता करते हैं. उन्‍होंने यह बयान संसद में पीपुल्‍स लिबरेशन आर्मी (PLA) और पीपुल्‍स आर्म्‍ड पुलिस फोर्स (PAPF) के प्रतिनिधिमंडल के साथ मीटिंग में दिया.

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने सबसे खराब स्थिति की कल्पना करते हुए सेना को युद्ध की तैयारियां तेज करने का मंगलवार को आदेश दिया और उससे पूरी दृढ़ता से देश की सम्प्रभुता की रक्षा करने को कहा. देश की सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के महासचिव और करीब 20 लाख सैनिकों वाली सेना के प्रमुख 66 वर्षीय शी ने यहां चल रहे संसद सत्र के दौरान पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) और पीपुल्स आर्म्ड पुलिस फोर्स के प्रतिनिधियों की पूर्ण बैठक में हिस्सा लेते हुए यह टिप्प्णी की.

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सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की खबर के मुताबिक, शी ने सेना को आदेश दिया कि वह सबसे खराब स्थिति की कल्पना करे, उसके बारे में सोचे और युद्ध के लिए अपनी तैयारियों और प्रशिक्षण को बढ़ाए, तमाम जटिल परिस्थितियों से तुरंत और प्रभावी तरीके से निपटे. साथ ही पूरी दृढ़ता के साथ राष्ट्रीय सम्प्रभुता, सुरक्षा और विकास संबंधी हितों की रक्षा करे.

उनकी टिप्पणी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के बीच करीब 20 दिन से जारी गतिरोध की पृष्ठभूमि में आयी है. हाल के दिनों में लद्दाख और उत्तरी सिक्किम में भारत और चीन की सेनाओं ने अपनी उपस्थिति काफी हद तक बढ़ाई है. यह दोनों देशों की सेनाओं के बीच दो अलग-अलग तनातनी के दो सप्ताह बीत जाने के बाद भी तनाव बढ़ने और दोनों पक्षों के रुख में कठोरता आने का स्प्ष्ट संकेत देता है. करीब 3,500 किलोमीटर लंबी एलएसी दोनों देशों के बीच वस्तुत: सीमा का काम करती है.