मुंबई के पास नवी मुंबई में 12 साल से बन रहा इस्कॉन मंदिर तैयार हो चुका है जिसका आज 15 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों लोकार्पण हुआ. यह एक ऐसा मंदिर है जहां इस्कॉन मंदिर के संस्थापक श्रील प्रभुपाद का स्मारक बना है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर कहा, "आज श्री श्री राधा मदनमोहनजी मंदिर का उद्घाटन हो रहा है. मेरा सौभाग्य है कि मुझे ऐसे अलौकिक अनुष्ठान में अपनी भूमिका निभाने का पुण्य प्राप्त हुआ है. मैं अभी देखा रहा था कि श्री राधा मदनमोहनजी मंदिर परिषद की जो रूपरेखा है, इस मंदिर के पीछे जो विचार है और इसका जो स्वरूप है उसमें अध्यात्म की संपूर्ण परंपरा के दर्शन होते हैं."
170 करोड़ की लागत से तैयार हुआ ये इस्कॉन मंदिर एशिया का दूसरा सबसे बड़ा इस्कॉन मंदिर है. मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए दुनिया भर के 800 इस्कॉन मंदिरों से साधु संतों को बुलाया गया है. करीब 9 एकड़ में बने इस इस्कॉन मंदिर में कई खास बातें हैं. मंदिर की ख़ूबसूरती और ख़ासियत को लेकर ज़्यादा जानकारी दे रहे हैं.
9 एकड़ में फैला मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित
नवी मुंबई के खारघर में में बना यह भव्य इस्कॉन मंदिर 12 सालों में बनकर तैयार हुआ है. 9 एकड़ में फैला यह मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है और अपनी भव्यता व वास्तुकला के लिए चर्चा में है. सफेद और भूरे संगमरमर से बने इस मंदिर की सुंदरता अद्वितीय है. इस मंदिर में जो चांदी के दरवाजे लगे हैं, उनक चांदी के दरवाजों पर गदा, शंख, चक्र और ध्वजा की सुनहरी नक्काशी की गई है, जो इसे बहुत ही विशेष बनाती हैं.
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दशावतार से जुड़ी कलाकृतियां इसकी विशेषता
मंदिर के मुख्य कक्ष में भगवान कृष्ण की 3डी पेंटिंग्स और दशावतार से जुड़ी कलाकृतियां इसकी खास विशेषता हैं. यह मंदिर न केवल धार्मिकता का प्रतीक है, बल्कि वैदिक संस्कृति और भारतीय परंपराओं का विराट प्रदर्शन भी करता है. 3000 भक्तों के एक साथ बैठने की व्यवस्था और हर रविवार मुफ्त प्रसादम सुविधा भी इस मंदिर में हैं.
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