Maharashtra Politics: चुनावी हार के बाद शिवेसना (UBT) नेताओं को सता रहा ये डर, कैसे पार पाएंगे उद्धव ठाकरे?

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार से शिवसेना (UBT) में घमासान मचा हुआ है. पार्टी नेताओं को अब एक नए तरह का डर सता रहा है. आखिर उससे उद्धव ठाकरे कैसे निपटेंगे.

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार से शिवसेना (UBT) में घमासान मचा हुआ है. पार्टी नेताओं को अब एक नए तरह का डर सता रहा है. आखिर उससे उद्धव ठाकरे कैसे निपटेंगे.

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Ajay Bhartia
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Uddhav Thackeray

Maharashtra Politics: चुनावी हार के बाद शिवेसना (UBT) नेताओं को सता रहा ये डर, कैसे पार पाएंगे उद्धव ठाकरे?

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति की प्रचंड जीत के बाद अब विपक्षी गठबंधन एमवीए पर बड़ा खतरा मंडराने लगा है. अंदरखाने खबरें मिल रही हैं कि विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद उद्धव ठाकरे महाविकास अघाड़ी से बाहर हो सकते हैं. महा विकास अघाड़ी से पीछा छुडाने के लिए शिवसेना यूबीटी के नेता कांग्रेस पर हार का ठीकरा फोड़कर उसे जिम्मेदार बताने में जुट गए हैं.  

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'ओवर कॉन्फिडेंस में थी कांग्रेस'

शिवसेना (UBT) नेता अंबादास दानवेने ने कहा, ‘कहां लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस ओवर कॉन्फिडेंस में थी. कांग्रेस के लोग विभाग बांटने के लिए कोट और टाई सिला रखे थे. उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट किया होता तो चुनाव के नतीजे अलग होते और वोटों का इजाफा होता, जहां शिंवसेना को आज नही तो कल के बूते पर चुनाव लड़ना और जितना है, इसलिए उसकी शुरुआत आज से होनी चहिए’.

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शिवसेना (UBT) नेताओं को क्या डर?

एमवीए के घटक दलों के सामने अब BMC, नगर पालिका और पंचायत चुनाव की बड़ी चुनौती है. उद्धव सेना को इस बात का डर है कि कांग्रेस का साथ उसे कॉर्पोरेशन के चुनाव में भी जमीन न सुंघा दे, लिहाजा MVA से दूर होने की पेशबंदी शुरू हो गई है. उद्धव सेना ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में इस बार 97 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से सिर्फ 20 सीटों पर ही कब्जा कर सकी. 

महाराष्ट्र की सियासत पर करीब से नजर रखने वाले जानकारों के मुताबिक, ये चुनावी रिजल्ट ही शिवसेना (यूबीटी) के नेताओं को डरा रहा है. देश के सबसे अमीर कॉर्पोरेशन BMC पर लंबे वक्त से काबिज उद्धव सेना इसे किसी भी कीमत पर गंवाने के मूड में नहीं है. लिहाजा वो सख्त फैसला लेने के मूड में है.

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नई सरकार की ताजपोशी के बाद महाराष्ट्र में 45 स्थानीय निकायों के चुनाव होने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. सूत्रों के मुताबिक चुनाव की समीक्षा बैठक के दौरान मातोश्री में उद्धव सेना के 20 विधायकों में से ज्यादातर ने एमवीए छोड़ने के पक्ष में राय दी है. कहा जा रहा है उद्धव ठाकरे पर अब एमवीए छोड़ने का दबाव बढ़ता जा रहा है. ऐसे में ये देखने वाली बात होगी कि उद्धव इस मसले पर क्या आखिरी फैसला लेते हैं.

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