Ujjain News: मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में इन दिनों प्याज की गिरती कीमतों को लेकर किसान भारी संकट में हैं. मंडियों में प्याज के भाव एक से दो रुपए प्रति किलो मिलने से किसान बेहद परेशान हैं. इस नाराजगी के चलते किसानों ने अनोखा विरोध प्रदर्शन किया और लगभग 50 क्विंटल प्याज निशुल्क बांट दी.
मंडी में प्याज की औकात 1 से 2 रुपए किलो
संयुक्त कृषक संगठन के नेतृत्व में किसानों ने उज्जैन की कृषि उपज मंडी में प्रदर्शन किया. संगठन के जिलाध्यक्ष संदीप पाटीदार ने बताया कि प्याज की उत्पादन लागत 12 से 15 रुपए प्रति किलो आती है, लेकिन मंडियों में इसे मात्र 1 से 2 रुपए प्रति किलो में खरीदा जा रहा है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि प्याज की खरीदी कम से कम 24 रुपए प्रति किलो के समर्थन मूल्य पर की जाए.
बारिश से बर्बाद फसल
उज्जैन जिले में पिछले एक सप्ताह से लगातार बारिश हो रही है, जिससे खेतों में खड़ी प्याज की फसल बर्बाद हो गई है. दूसरी ओर, मंडियों में भी किसानों को उनकी फसल की उचित कीमत नहीं मिल रही है. ऐसी स्थिति में किसानों के पास प्याज को मंडी तक लाने का भाड़ा निकालना भी मुश्किल हो गया है.
किसानों ने बड़े आंदोलन की दी चेतावनी
संदीप पाटीदार ने कहा कि यह आंदोलन केवल शुरुआत है. अगर सरकार ने समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो पूरे प्रदेश में किसान सड़कों पर उतरकर उग्र आंदोलन करेंगे.
भाड़े में भी नहीं बचे पैसे
कृषक कैलाश पाटीदार ने बताया कि वे 70 किलोमीटर दूर से ट्रैक्टर-ट्रॉली में प्याज लेकर मंडी पहुंचे थे, लेकिन नीलामी में उन्हें केवल 100 से 150 रुपए प्रति क्विंटल का दाम मिला. इससे तो उन्हें घर लौटने का किराया भी नहीं बचा.
सरकार से जल्द राहत की मांग
किसानों का कहना है कि अगर प्याज की खरीद समर्थन मूल्य पर शुरू नहीं की गई, तो उनके लिए यह फसल घाटे का सौदा बनकर रह जाएगी. ऐसे हालात में किसान कर्ज में डूबते जाएंगे और आत्मघाती कदम उठाने को मजबूर होंगे.
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