एमपी में सोशल मीडिया को बनाया कोरोना के खिलाफ लड़ाई का हथियार

कोरोनावायरस (CoronaVirus Covid-19) संक्रमण से डरें नहीं सजग और सतर्क रहें, बस इसके लिए आवश्यक एहतियात बरतने की जरूरत है. लोगों में जागृति लाने के लिए मध्य प्रदेश में सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है.

कोरोनावायरस (CoronaVirus Covid-19) संक्रमण से डरें नहीं सजग और सतर्क रहें, बस इसके लिए आवश्यक एहतियात बरतने की जरूरत है. लोगों में जागृति लाने के लिए मध्य प्रदेश में सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है.

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Vineeta Mandal
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Social Media( Photo Credit : (सांकेतिक चित्र))

कोरोनावायरस (CoronaVirus Covid-19) संक्रमण से डरें नहीं सजग और सतर्क रहें, बस इसके लिए आवश्यक एहतियात बरतने की जरूरत है. लोगों में जागृति लाने के लिए मध्य प्रदेश में सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है. इसमें समाज के विभिन्न वगरें के प्रतिनिधियों के साथ किशोर और बच्चे भी साझेदार बन रहे हैं. सभी यही बताने की कोशिश में हैं कि कोरोना से लड़ा ही नहीं, बल्कि जीता जा सकता है, बस मास्क का उपयोग करें, दूरी बनाए रखें और साबुन से हाथ धोते रहें.

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देश और दुनिया में कोरोना के संक्रमितों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. इससे कैसे बचा जाए, इसी के मद्देनजर मध्य प्रदेश की राजधानी में स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन एंड जर्नलिज्म, डीएवीवी यूनिवर्सिटी इंदौर, स्काईसोशल युवा समूह भोपाल, वसुधा संस्थान और यूनिसेफ ने मिलकर मंगलवार शाम सोशल मीडिया 'ब्लॉगाथन' का आयोजन किया.

इस ब्लॉग मैराथन में तमाम लोगों ने ब्लॉग, चित्र, वीडियो आदि साझा किए. कहानियों और अनुभवों के माध्यम से कहा गया कि युवा बीमारी को अभिशाप न समझें और भेदभाव न करें, बल्कि फेस मास्क का उपयोग करें, दूरी बनाएं और बार-बार साबुन से हाथ धोएं.

इस ब्लॉग मैराथन से भोपाल, इंदौर के युवा तो झाबुआ के किशोर ने ब्लॉग पोस्ट, चित्र, वीडियो, अडियो, चित्र साझा कर कोरोना योद्घाओं के प्रयासों को सलाम किया. इसके साथ ही वे तस्वीरें भी साझा की गईं, जो कोरोना से बचाव के लिए जरूरी हैं.

ब्लागाथन में पंकज चतुर्वेदी, गीत धीर, पत्रकार गिरीश उपाध्याय व विजय प्रताप सिंह ने फेस मास्क का उपयोग कर कैसे कोरोना को रोका जा सकता है, इसका सिलसिलेवार ब्यौरा दिया. वहीं सागर के कलेक्टर दीपक सिंह ने अपने वीडियो संदेश के जरिए लोगों से अपील की कि घर से बाहर निकलें तो फेसमास्क का उपयोग करें.

स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. संतोष शुक्ला ने कोरोना से लड़ने के लिए एसएमएस को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा, "एस का आशय सैनिटाइजेशन, एम का अर्थ मास्क और एस का अर्थ सोशल डिस्टेंसिंग है."

यूनिसेफ के संचार विशेष अनिल गुलाटी ने अपने अनुभवों को साझा किया और कहा कि युवाओं में 'ब्लागाथन' का मकसद कोरोना को लेकर सकारात्मक नजरिया विकसित करना है. इसके लिए उन्होंने कोरोना योद्घाओं की कहानियां बताई. साथ ही उन्होंने कहा कि फेस मास्क के उपयोग का संदेश जन-जन तक फैलाएं और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ साबुन से हाथ धोने को बढ़ावा दें.

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स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन एंड जर्नलिज्म डीएवीवी इंदौर के विभागाध्यक्ष डॉ. सोनाली नरगंडे ने कहा कि 'ब्लॉगाथन' अनूठी पहल है, जहां विश्वविद्यालय के लगभग 150 युवाओं ने हिस्सा लिया और चुनौती को समझा.

स्काईसोशल की संस्थापक सदस्य सृष्टि प्रगट का कहना है कि हर कोई सुरक्षित रहे, इसके लिए जागरूकता लाना जरूरी है, ऐसा होने पर ही वायरस के संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है.

झाबुआ में आदिवासी बच्चों के बीच काम करने वाली वसुधा संस्था से गायत्री परिहार ने झाबुआ के कार्यकर्ताओं और किशोरियों के प्रयासों के बारे में कहानियां साझा कीं. इनमें हाथ धोने, फेसमास्क का उपयोग करने और सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में बताया गया. इस ब्लॉगाथन में लगभग 350 सामग्री ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम, ब्लॉग पर युवाओं, किशोरों द्वारा साझा की गई.

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