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लैंगिक अपराधों के खिलाफ कार्रवाई में  MP अव्वल

मध्य प्रदेश में लैंगिक अपराधों को लेकर शासन प्रशासन काफी सख्त दिख रहा है. ये सख्ती अब आंकड़ों पर भी नजर आने लगी है. इस साल 21 जुलाई तक लैंगिक अपराधों से संबंधित 54.52%  मामलों में कार्रवाई हुई है.

Updated on: 08 Aug 2022, 10:11 PM

भोपाल:

मध्य प्रदेश में लैंगिक अपराधों को लेकर शासन प्रशासन काफी सख्त दिख रहा है. ये सख्ती अब आंकड़ों पर भी नजर आने लगी है. इस साल 21 जुलाई तक लैंगिक अपराधों से संबंधित 54.52%  मामलों में कार्रवाई हुई है. यानी लैंगिक अपराधों के खिलाफ कार्रवाई के मामले में एमपी का रिकॉर्ड सबसे अच्छा है. MP के बाद दूसरे नंबर पर UP है, जहां 51.58% मामलों में कार्रवाई पूरी हो चुकी है. UP के बाद तीसरे स्थान पर उत्तराखंड हैं, जहां 49.49% मामले निपटाए जा चुके हैं. उत्तराखंड के बाद चौथे स्थान पर छत्तीसगढ़ है, जहां 36.13% मामले में प्रशासन ने एक्शन लेते हुए कार्रवाई की. 

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इतना ही नहीं, लैंगिक अपराधों से निपटने को लेकर केंद्र ने जो गाइडलाइन बनाई है. उसके पालन में भी एमपी अव्वल है. इस साल अनुपालन दर 64.23 प्रतिशत है. यहां बता दें कि सेंट्रल जोन काउंसिल की बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अगुवाई में 22 अगस्त को भोपाल में होनी है. इसमें ट्रैकिंग सिस्टम फॉर सेक्सुअल ऑफेन्स पोर्टल से प्राप्त आंकड़ों की समीक्षा की जाएगी. 

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दरअसल, मध्य प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध को रोकने के लिए शिवराज सरकार की ओर से कई कदम भी उठाए गए हैं. यहां तक कि इस तरह के अपराधियों के घर मामा का बुलडोजर भी चल रहा है. हालांकि, इस मामले पर सभी राजनीतिक दल अपने-अपने नफा नुकसान के हिसाब से बात करते नजर आते हैं.  पॉलिटिकल ब्लेम गेम से अलग अगर देखें तो एक्शन लेने के मामले में एमपी अन्य राज्यों के मुकाबले अव्वल है. सरकार खुद कानून व्यवस्था को लेकर मॉनिटरिंग कर रही है. सीएम समय समय पर बैठकें ले रहे हैं, लेकिन महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध का ग्राफ एमपी में अब भी ज्यादा है, जिसे जड़ से मिटाए जाने की जरूरत है.