MP News: मध्य प्रदेश में रिश्वतखोरी के मामले थमने का नाम ही नहीं ले रहे हैं. ताजा मामला मऊगंज से सामने आया है. यहां लोकायुक्त ने शिक्षा विभाग के एक क्लर्क को रंगे हाथों में 6 लाख 20 हजार की रिश्व लेते रंगे हाथों पकड़ा है. गिरफ्तार शिक्षा विभाग के एक क्लर्क की पहचान हायक ग्रेड 3 (बड़े बाबू) राजाराम गुप्ता के रूप में हुई है.
ये है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक शिकायतकर्ता सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक राम निहोर साकेत ने लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई थी कि राजाराम गुप्ता ने उनके एरियर और अर्जित अवकाश की राशि 12 लाख 70 हजार रुपये का भुगतान करने के लिए कुल 50% यानी 6 लाख 20 हजार रुपये रिश्वत की डिमांड की थी.
ऐसे पकड़ा गया रिश्वखोर क्लर्क
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आरोपी क्लर्क ने पहले 30 हजार रुपये एडवांस के तौर पर फोनपे और चेक के जरिए ले लिए थे. फिर बुधवार को आरोपी शिकायतकर्ता से 50 हजार रुपये नकद और 5 लाख 40 हजार रुपये का चेक ले रहा था, तभी लोकायुक्त की टीम ने उसे रंगे हाथों धर दबोचा.
इस मामले को लेकर लोकायुक्त रीवा संभाग के डीएसपी प्रवीण सिंह परिहार ने मीडिया को बताया कि आरोपी क्लर्क राजाराम गुप्ता को शिकायत की पुष्टि के बाद ट्रैप किया गया. आरोपी ने लगातार रिश्वत की मांग करते हुए धमकी दी थी कि यदि पैसे नहीं दिए गए तो भुगतान में देरी की जाएगी.
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आदत बन गई थी रिश्वतखोरी
ऐसा बताया जा रहा है कि क्लर्क राजाराम गुप्ता काफी समय से हर काम के बदले रिश्वतखोरी करता रहता था. फिलहाल, आरोपी को गिरफ्तार कर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है. सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार की ऐसी घटना सामने आने एक बार फिर से कई सवाल खड़े कर दिए हैं.
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