Bhopal Cyber Fraud: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक साइबर ठगी का मामला सामने आया है. यहां फर्जी IPS बनकर लोगों को चूना लगाने वाले एक गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है. क्राइम ब्रांच के मुताबिक इस गैंग ने एक शख्स को फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर पुराने फर्नीचर को सस्ते में बेचने का झांसा दिया और 45 हजार की धोखाधड़ी कर दी. पीड़ित का नाम महेश कुमार है, जिसने 5 नवंबर 2024 को इस घटना की साइबर क्राइम भोपाल में तहरीर दी.
जानकारी के मुताबिक महेश ने बताया कि पुलिस कमिश्नर हरनिरायणचारी मिश्रा के नाम से फर्जी फेसबुक आईडी 'Hari Narayan' के मैसेन्जर से मैसेज आया, जिसमें IPS हरिनारायणचारी मिश्रा की फोटो लगी थी. मैसेज में लिखा था- पुराना फर्नीचर सस्ते में बेचना है. इसके बदले में आरोपी ने आवेदक को क्यूआर कोड भेजकर कुल 45000 रुपये धोखाधड़ीपूर्वक खाते में ट्रांसफर करवा लिए. पुलिस ने शिकायत के आधार पर थाना क्राइम ब्रांच में धारा-318(4), 319(2)BNS के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी.
ये है ठगों की पहचान
बता दें कि पकड़ा गये गिरोह के मुख्य सरगना की पहचान आकाश नामदेव विदिशा जिले के लटेरी के रूप में हुई है. जो फर्जी तरीके से मोबाइल सिम एक्टिवेट करना और गिरोह के अन्य साथियों को बेचने का काम करता था. इसके अलावा, आकाश से सिम लेकर लेकर गिरोह के अन्य सदस्यों को बेचने वाला राहुल पंथी समेत विवेक रघुवंशी और सोनू नाम के युवकों को गिरफ्तार किया गया है.
ऐसे पकड़े गए साइबर ठग
सूचना मिलते ही साइबर क्राइम टीम एक्शन मोड में आ गई. सबसे पहले ठगी में इस्तेमाल मोबाइल नंबर और फेसबुक आईडी के असल यूजर की तकनीकी जानकारी जुटाई गई, जिसके आधार पर राजस्थान के अलवर से 2 आरोपियों को अरेस्ट किया गया. इन दोनों से पूछताछ के आधार पर गिरोह के मुख्य सरगना समेत कुल 4 और लोगों को विदिशा जिले से गिरफ्तार कर लिया गया.
ये भी पढ़ें: शॉकिंग! शक के चलते हैवान बना शख्स, लव मैरिज के 4 साल बाद पत्नी को दी खौफनाक मौत, और फिर…
ये था जाल में फंसाने का तरीका
इसके बाद पुलिस ने पूछताछ का सिलसिला शुरू किया, जिममें आरोपियों ने बताया कि उन्होंने आईपीएस हरिनारायणाचारी मिश्र की फोटो का उपयोग कर "Hari Narayan" नाम से एक फर्जी फेसबुक आईडी बनाई और उनकी असली फेसबुक आईडी से जुड़े लोगों को ऐड कर दोस्ती करना शुरू किया.
डिलीवरी के नाम पर करते थे फ्रॉड
साइबर ठग यहीं नहीं रुके, मैसेंजर चैट के माध्यम से एक अन्य अधिकारी के ट्रांसफर का बहाना बनाकर सस्ते दामों पर फर्नीचर बेचने की बात करते थे. आरोपी वॉट्सएप के जरिए कीमती फर्नीचर के फोटो भेजते थे और इन्हें सस्ते दामों में बेचने का झांसा देते थे. साथ ही, फर्नीचर का बिल बनवाने और ट्रांसपोर्ट से भेजने के नाम पर लोगों से फर्जी बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करवाकर उनके साथ फ्रॉड करते थे.
ये भी पढ़ें: India China: चीनी अर्थव्यवस्था पर डूबने का खतरा, तेजी से खाली हो रहा खजाना, भारत दुनिया में ऐसे मचा देगा धमाल!
ये भी पढ़ें: Apophis: क्या है एपोफिस, उड़े हुए हैं NASA-ISRO वैज्ञानिकों के होश, सॉल्यूशन निकालने में झोंकी पूरी ताकत!
यह भी पढ़ें: अचानक से स्टेज पर चढ़ा किसान, फिर मंत्री नितेश राणे को पहनाया प्याज का माला