/newsnation/media/media_files/2025/04/27/cm-file-1-932531.jpg)
Mohan Yadav: (ANI)
मध्यप्रदेश सरकार एक ऐसी तैयारी करने जा रही है, जिससे शाकाहारी और मांसाहारी भोजन परोसने वाले होटलों और उनके मालिकों की साफ-साफ पहचान हो सके. इस व्यवस्था के तहत बाहर से ही पता चल जाएगा कि होटल में कौन सा भोजन परोसा जाता है.
क्या है प्रस्ताव?
सरकार एफएसएसएआई एक्ट में ऐसा प्रावधान करने वाली है, जिसमें पूर्णत शाकाहारी भोजन देने वाले होटल और रेस्टोरेंट के बाहर हरा गोल निशान तो मांसाहारी भोजन देने वाले होटलों और रेस्टोरेंट के लिए लाल गोल निशान लगाया जाएगा. इसके अलावा, सरकार होटल का लाइसेंस लेने वाले व्यक्ति का नाम भी बोर्ड पर लिखना अनिवार्य कर सकती है.
MP News: ‘हम गर्व से आदिवासी हैं, हिंदू नहीं’ मध्यप्रदेश के कांग्रेस नेता उमंग सिंघार का बड़ा बयान
बता दें, ऐसे ही लाल और हरे गोले का निशान, खाने के हर एक पैकेट में लगाया जाता है. जिससे कोई भी व्यक्ति आसानी से इसे समझ सकता है. एफएसएसएआई अब इसकी टेस्टिंग करके ड्राफ्ट जारी करेगा. एफएसएसएआई के एक्ट में इस बारे में संशोधन किया जा सकता है. संशोधन के बाद सिर्फ मध्यप्रदेश ही नहीं बल्कि देश भर में कानून लागू करना अनिवार्य हो जाएगा.
ये है सरकार की कोशिश
प्रदेश के राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने कहा कि सरकार की कोशिश है कि खाने की पैकेट की तरह होटलों में भी हरा और लाल रंग का निशान बनाया जाए. सरकार की कोशिश है कि फूड डिलिवरी ऐप्स के माध्यम से घर-घर खाना पहुंचाने वाले लोग भी सिर्फ वही हों, जो उस तरह का भोजन करते हों. जैसे शाकाहारी खाना शाकाहारी डिलिवरी बॉयज ही पहुंचाएं.
Swachchhata Sarvekshan 2024: फिर से इंदौर बना देश का सबसे स्वच्छ शहर, भोपाल देश की क्लीनेस्ट कैपिटल
कांवड़ यात्रा के बाद से चर्चा में आया मामला
ये मामला तब चर्चा में आया, जब कांवड़ यात्रा के दौरान, उत्तर प्रदेश के मेरठ सहित आसपास के जिलों के कुछ होटलों के बोर्ड पर हिंदू नाम और हिंदू चिन्ह थे, जबकि मालिक अन्य समुदाय के थे. इसके बाद यूपी सरकार ने दुकानों और रेस्टोरेंटों पर मालिक का नाम लिखने का आदेश दे दिया.