/newsnation/media/media_files/2025/04/18/2lbm6y0KvrnplovJ2Ucn.jpg)
Patanjali and APSU Rewa Photograph: (news nation)
Patanjali: हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ और मध्यप्रदेश के रीवा स्थित अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के बीच शैक्षणिक और शोधात्मक सहयोग को लेकर एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ है. दोनों प्रतिष्ठित संस्थानों ने योग, प्राकृतिक चिकित्सा और आयुर्वेद के क्षेत्र में संयुक्त रूप से कार्य करने हेतु एमओयू (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर किए.
आचार्य ने कही ये बात
इस अवसर पर पतंजलि योगपीठ के महामंत्री और संस्थान के अध्यक्ष आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि इस समझौते का उद्देश्य भारतीय परंपरागत चिकित्सा प्रणालियों – जैसे योग, आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा के प्रचार-प्रसार और उन्नयन हेतु एक साझा मंच तैयार करना है. उन्होंने कहा कि दोनों संस्थान मिलकर इन क्षेत्रों में पाठ्यक्रम विकसित करेंगे और उनका संचालन करेंगे. साथ ही, शोध परियोजनाएं, संगोष्ठियाँ और कार्यशालाएँ भी आयोजित की जाएंगी.
विद्यार्थियों को इंटर्नशिप का अवसर
आचार्य बालकृष्ण ने यह भी बताया कि इस सहयोग के तहत दोनों संस्थानों के विशेषज्ञों के बीच ज्ञान और तकनीकी का आदान-प्रदान होगा. इससे विद्यार्थियों को न सिर्फ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी, बल्कि उन्हें इंटर्नशिप, फील्ड वर्क और प्रशिक्षण जैसे व्यावहारिक अवसर भी मिलेंगे. इसके अलावा दोनों संस्थानों के पुस्तकालय, प्रयोगशालाएँ और शोध संसाधनों का साझा उपयोग संभव हो सकेगा.
यह भी पढ़ें: Patanjali News : आयुर्वेदिक चिकित्सा के साथ पर्यावरण सरंक्षण को भी बढ़ावा दे रहा पतंजलि
समझौते के अंतर्गत आयुर्वेद और योग से संबंधित प्रमाणपत्र, डिप्लोमा और डिग्री पाठ्यक्रमों का संयुक्त रूप से संचालन भी किया जाएगा, जिससे इन पारंपरिक चिकित्सा विधाओं में रुचि रखने वाले विद्यार्थियों को एक सशक्त मंच मिलेगा.
इस अवसर पर अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेन्द्र कुमार कुरारिया ने कहा कि पतंजलि योगपीठ भारत का अग्रणी शोध संस्थान है जो योग और आयुर्वेद के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है. उन्होंने उम्मीद जताई कि यह साझेदारी इन परंपरागत चिकित्सा विधाओं को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने में सहायक सिद्ध होगी.
डॉ. सुरेंद्र सिंह परिहार भी रहे मौजूद
समारोह में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. सुरेंद्र सिंह परिहार भी उपस्थित रहे और इस सहयोग को ऐतिहासिक कदम बताया. यह समझौता पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धतियों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की दिशा में एक अहम पहल माना जा रहा है.
यह भी पढ़ें: Patanjali की मध्य प्रदेश में कृषि क्रांति का आगाज, किसानों की खुलेगी किस्मत
यह भी पढ़ें: Patanjali News: पतंजलि चिकित्सा कैसे बना विश्वसनीय विकल्प, पुरानी परंपराओं को पुनर्जीवित किया