Madhya Pradesh : मध्य प्रदेश के भोपाल में भीख लेना और देना दोनों ही जुर्म घोषित हो गया है. अब यहां भीख लेने वाले और देने वाले दोनों पर एफआईआर दर्ज होगी. भोपाल के कलेक्टर ने भिक्षावृत्ति पर प्रतिबंध के आदेश जारी किए हैं. नगर निगम ने भीख मांगने वालों के लिए इंतजाम किए हैं और भोपाल के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोलार स्थित आश्रय स्थल को भिक्षु गृह बनाया है. भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने सोमवार रात को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा धारा 163 में प्रदत्त शक्तियों के तहत भोपाल जिले के अंदर किसी भी प्रकार की भिक्षावृत्ति को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित करने का आदेश जारी किया है.
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कानूनी कारवाई करने का आदेश
भोपाल कलेक्टर के आदेश के मुताबिक, भिक्षावृत्ति एक सामाजिक बुराई है. भोपाल जिले में इस प्रकार की भिक्षावृत्ति में अन्य राज्यों और शहरों के व्यक्ति भी संलग्न रहते हैं, जिनमें कई व्यक्तियों का आपराधिक इतिहास भी रहता है. वहीं भिक्षावृत्ति करने की आड़ में कई अपराधिक गतिविधियां भी संचालित की जाती हैं. ट्रैफिक सिग्नल पर भिक्षावृत्ति के कारण दुर्घटना होने की भी आशंका रहती है. ऐसे में अब भिक्षु को भिक्षा स्वरूप कुछ भी देना या उनसे किसी प्रकार के सामान को खरीदना प्रतिबंधित कर दिया गया है, जो व्यक्ति भिक्षुओं को भिक्षा स्वरूप कोई चीज प्रदान करता है या देता है या इनसे कोई सामान खरीदता है तो उसके विरुद्ध भी इस आदेश के उल्लंघन के लिए कानूनी कारवाई की जाएगी .
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भिक्षुओं की धर पकड़ के लिए चलाया जा रहा अभियान
भोपाल जिला कलेक्टर और नगर निगम ने बाकायदा ऐसे भिक्षुओं के लिए रैन बसेरा भी आरक्षित कर दिया है. कलेक्टर के आदेश के बाद भिक्षुओं को प्रस्थापित कर उनके रहने हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोलार स्थित आश्रय स्थल को भिक्षु गृह के रूप में आरक्षित किया गया है. वहीं, राजधानी भोपाल में जगह-जगह गली और चौराहों पर मौजूद भिक्षुओं की धर पकड़ के लिए सीसीटीवी कैमरे के अलावा नगर निगम और प्रशासन भी सहयोग करेगा.