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चीनी एजेंट कहे जाने पर कमलनाथ ने BJP के दो बड़े नेताओं को भेजा नोटिस

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ ने चीनी एजेंट कहे जाने पर भारतीय जनता पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं को कानूनी नोटिस भिजवाए हैं.

Updated on: 02 Jul 2020, 09:01 AM

भोपाल:

मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने चीनी एजेंट कहे जाने पर भारतीय जनता पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं को कानूनी नोटिस भिजवाए हैं. कमलनाथ (Kamal Nath) ने चीनी एजेंट कहे जाने पर बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा को नोटिस भेजा है. इसके साथ ही उन्होंने दोनों नेताओं को अपने बयान को लेकर माफी न मांगने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है.

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कमलनाथ ने अपने वकील वरुण तनखा के माध्यम से बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा और सत्तारूढ़ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा को 30 जून को नोटिस भेजे. तनखा ने कहा कि मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने चीनी कंपनियों की तरफदारी करने के आरोपों पर झा और शर्मा को कानूनी नोटिस भेजे हैं. उन्होंने कहा कि नोटिस में भाजपा के दोनों नेताओं द्वारा कमलनाथ के खिलाफ जारी ‘अपमानजनक बयानों’ पर ध्यान आकृष्ट किया गया है जो 26-27 जून को अनेक अखबारों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रकाशित हुए थे.

तनखा ने कहा, ‘इन झूठे आरोपों के समर्थन के लिए कोई सार्वजनिक रिकार्ड नहीं है. कमलनाथ ने 2004 से 2009 तक केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री रहते हुए अपने कार्यकाल में जो फैसले लिए वे नियमों के अनुसार थे.' दरअसल, वीडी शर्मा और प्रभात झा ने अपने बयान में कमलनाथ को चीनी एजेंट बताया था.

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पूर्व राज्यसभा सांसद प्रभात झा ने कहा था कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और भारत की पार्टी कांग्रेस के बीच एक समझौता हुआ कि भारत में जो सामान सहजता से उपलब्ध है, उसका आयात बढ़ाया जाए. ऐसी 250 वस्तुएं चिन्हित की गईं, जिनका आयात करना तय हुआ. इसके अलावा आयात कर भी 100-200 प्रतिशत घटाना तय हुआ.

प्रभात झा ने आरोप लगाते हुए कहा था कि ऐसा करने से चीन को जो लाभ हुआ, उसके पैसे से कांग्रेस की मदद की गई और पैसा राजीव गांधी फाउंडेशन में भी भेजा गया. यह एक नेशनल क्राइम है और इसके जिम्मेदार उस समय के केंद्रीय वाणिज्य मंत्री हैं. बता दें कि कमल नाथ तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार में वर्ष 2004 से 2009 तक केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री थे.

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