मध्य प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर भयावह रुप ले चुकी है. मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है तो मौत का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है. इसके साथ ही अस्पतालों में सुविधाओं का टोटा है. कोरोना के गहराए संकट के बीच ऑक्सीजन की किल्लत बनी हुई है. सप्लाई बढ़ने के बाद भी मध्य प्रदेश में ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मचा है. संक्रमण के शिकार मरीजों को सबसे ज्यादा ऑक्सीजन की जरुरत पड़ रही है. ऑक्सीजन की कमी से मरीजों जान जा रही है तो बहुत से मरीजों की सांसें अटकी हुई हैं.
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जानकारी के मुताबिक, मध्य प्रदेश में 441 टन ऑक्सीजन की जरुरत है, जबकि आपूर्ति अभी 385 टन हो रही है. 10 दिन में ही 170 टन ऑक्सीजन की अतिरिक्त खपत बढ़ गई है. स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में अभी 82 हजार से ज्यादा एक्टिव केस हैं. मान्य बेड पर 4 हजार मरीज हैं. इससे 4 गुना से ज्यादा 19,172 मरीज ऑक्सीजन बेड पर हैं. 6,639 मरीजों की हालत गंभीर और ये मरीज ICU में भर्ती हैं. राज्य में फिलहाल होम आइसोलेशन में 59,066 (72 फीसदी) लोग हैं.
ऑक्सीजन की इतनी हुई आपूर्ति
- 11 अप्रैल- 213 टन
- 12 अप्रैल- 251 टन
- 13 अप्रैल 262 टन
- 14 अप्रैल 300 टन
- 15 अप्रैल- 305 टन
- 16 अप्रैल- 335 टन
- 17 अप्रैल- 347 टन
- 18 अप्रैल- 374 टन
- 19 अप्रैल- 375 टन
- 20 अप्रैल- 382 टन
भोपाल के अस्पतालों में ऑक्सीजन कि स्थिति
- चिरायु अस्पताल में 10 दिन का ऑक्सीजन बाकी. प्रतिदिन 25 किलो लीटर खपत.
- हमीदिया अस्पताल में 12 दिन का ऑक्सीजन बाकी. प्रतिदिन 15 किलोलीटर खपत.
- एम्स अस्पताल में 5 दिन का ऑक्सीजन बाकी. प्रतिदिन 5 किलोलीटर खपत.
- पीपुल्स अस्पताल में 8 दिन का ऑक्सीजन बाकी. प्रतिदिन 3 किलोलीटर खपत.
- LN मेडिकल कॉलेज में 8 दिन का ऑक्सीजन बाकी. प्रतिदिन 3 किलोलीटर खपत.
- BMHRC में 24 दिन का ऑक्सीजन बाकी. प्रतिदिन 1 किलोलीटर खपत.
- बंसल अस्पताल में 24 दिन का ऑक्सीजन बाकी. प्रतिदिन 1 किलोलीटर खपत.
- अग्रवाल अस्पताल में 2 दिन का ऑक्सीजन बाकी. प्रतिदिन 0.5 किलोलीटर खपत.
- नर्मदा अस्पताल में 2 दिन का ऑक्सीजन बाकी. प्रतिदिन 0.5 किलोलीटर खपत.
- JNCS ईदगाह में 2 दिन का ऑक्सीजन बाकी. प्रतिदिन 0.5 किलोलीटर खपत.
- भोपाल फ्रेक्टर अस्पताल में 2 दिन का ऑक्सीजन बाकी. प्रतिदिन 0.5 किलोलीटर खपत.
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मध्य प्रदेश में ऑक्सीजन के लिए मारामारी इतनी है कि लोग ऑक्सीजन सिलेंडरों को ही लूटने लग गए हैं. प्रदेश के दमोह जिले में मंगलवार की रात को जब ऑक्सीजन के सिलेंडर पहुंचे तो मरीजों के परिजन सिलेंडर उठा ले गए. दमोह के जिला चिकित्सालय में उपचार करा रहे मरीजों को ऑक्सीजन आसानी से सुलभ नहीं हो पा रही है.मंगलवार की रात को जब ऑक्सीजन के सिलेंडर यहां पहुंचे तो मरीजों के परिजनों ने ऑक्सीजन के लिए लूटमार शुरू कर दी. मरीजों के परिजन ऑक्सीजन के सिलेंडर उठा-उठाकर ले जाने लगे. कई लोग तो एक से ज्यादा तक सिलेंडर ले जाने की कोशिश में लगे रहे.
ऑक्सीजन ही नहीं, मध्य प्रदेश में कोरोना मरीजों के लिए बेड की दिक्कत अभी बरकरार है. अस्पतालों के बाहर बेड के लिए मरीज तड़प रहे हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है. राज्य के कुछ अस्पतालों में बेड्स फुल हो गए हैं तो कहीं कहीं एक ही बेड पर दो दो मरीजों का इलाज साथ में किया जा रहा है. बिगड़ते हालातों को देख राज्य सरकार लगातार कदम उठा रही है. फिलहाल कोरोना की रफ्तार को रोकने के साथ स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाना बड़ी चुनौती बन गया है.
HIGHLIGHTS
- मध्य प्रदेश में कोरोना लहर का भयावह रूप
- कोरोना के बीच ऑक्सीजन के लिए हाहाकार
- सप्लाई बढ़ने के बाद भी राज्य में मारामारी