बंगाल में कोरोना टीकों की भारी कमी, मगर नेताओं ने चुनावी हवाई यात्रा में खर्च किए इतने करोड़ रुपये

पश्चिम बंगाल में आठ-चरण के विधानसभा चुनावों के बीच कोविड -19 टीकों की भारी कमी है, लेकिन चुनाव प्रचार के लिए हवाई यात्रा पर नेताओं ने 100 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.

पश्चिम बंगाल में आठ-चरण के विधानसभा चुनावों के बीच कोविड -19 टीकों की भारी कमी है, लेकिन चुनाव प्रचार के लिए हवाई यात्रा पर नेताओं ने 100 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.

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Dalchand Kumar
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बंगाल में नेताओं ने चुनावी हवाई यात्रा में ही खर्च हुए 100 करोड़( Photo Credit : फाइल फोटो)

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के लिए सियासी घमासान मचा हुआ है. अभी तक 5 चरणों में मतदान हो चुका है और अब छठे चरण के लिए वोट डाले जा रहे हैं. अब तक इन चरणों में सियासी के खूब अलग अलग रंग देखने को मिले तो रैलियों और रोड शो के लिए राजनीति के धुरंधरों ने अपना अपना शक्ति प्रदर्शन किया. राजनीतिक दलों ने पूरी ताकत लगा दी और वोटर्स को लुभाने के लिए अपने बड़े बड़े शूरवीरों को प्रचार के लिए मैदान में उतारा. हैरान करने वाली यह है कि पश्चिम बंगाल में आठ-चरण के विधानसभा चुनावों के बीच कोविड -19 टीकों की भारी कमी है, लेकिन चुनाव प्रचार के लिए हवाई यात्रा पर नेताओं ने 100 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.

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इस खर्च का कम से कम 90 फीसदी बीजेपी से संबंधित है, क्योंकि उनके स्टार प्रचारक जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और मंत्री स्मृति ईरानी राज्य से बाहर के हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के कुछ चुनिंदा सदस्य विशेष रूप से उत्तर बंगाल में उड़ान भर रहे हैं. तृणमूल सांसद काकोली घोष हस्तिदार ने कहा, 'यह मुख्य रूप से इसलिए है क्योंकि दीदी घायल हैं और सड़क पर लंबी यात्रा उनके पैर पर असर डालती है. हमारे पास भाजपा के जितने पैसे नहीं है. इसलिए हमने कभी-कभार हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया.' भाजपा नेताओं ने पश्चिम बंगाल जैसे चुनावी युद्ध में हवाई यात्रा पर होने वाले खर्च को 'अपरिहार्य' बताया. बीजेपी के राज्य इकाई के एक पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, 'तगड़ा लड़ाई में गोली ज्यादा लगता है.'

एक 7-सीटर यूरोकॉप्टर प्रति घंटे 2 लाख रुपये चार्ज करता है और एक वरिष्ठ नेता पांच घंटे में अभियान समाप्त करते हैं, जिससे 10 लाख रुपये का बिल आता है. पार्किं ग और प्रतीक्षा शुल्क जोड़ें और शाम के शुल्क के बाद, एक वरिष्ठ नेता एयर-हॉप अभियानों के लिए 15 से 20 लाख रुपये खर्च कर सकता है. एक ट्विन-इंजन 20 सीटर हेलीकॉप्टर प्रति घंटे 2.5 लाख रुपये लेता है. प्राइवेट इंजन दोगुना चार्ज करते हैं. 15 मार्च से अबतक उसका भी 30 बार इस्तेमाल हो गया है. कलकत्ता, अंडाल और बागडोगरा हवाई अड्डों से प्राप्त आंकड़े के अनुसार 15 मार्च से 20 अप्रैल तक हेलीकॉप्टरों और हल्के हवाई जहाजों के उपयोग पर अब तक कुल 98.73 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं.

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इस खर्च में से 92 प्रतिशत बीजेपी ने, 7 प्रतिशत तृणमूल कांग्रेस ने और बाकी एक प्रतिशत ने खर्च किया. वाम मोर्चे के नेताओं ने राज्य के भीतर हवाई यात्रा का इस्तेमाल नहीं किया है. सीपीआई-एम के प्रवक्ता देबाशीष चक्रवर्ती ने कहा, 'केवल हमारे वरिष्ठ नेताओं ने बंगाल से बाहर तक पहुंचने के लिए हवाई यात्रा के लिए भुगतान किया है लेकिन किसी ने भी विशेष सुविधाओं का उपयोग नहीं किया है. उन्होंने आम यात्रियों के साथ उड़ानों में यात्रा की.'

10 वर्षों से बंगाल में सत्ता से बाहर, वामपंथी सावधानी से खर्च करने के लिए मजबूर हैं. राज्य पुलिस और प्रवर्तन शाखा ने पिछले दो महीनों में चुनावों से जुड़े लगभग 250 करोड़ रुपये नकद, शराब और अन्य उपहारों की जब्ती की सूचना दी है. अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी संजय बसु ने कहा कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के बीच, 248.9 करोड़ रुपये की नकदी और अन्य सामान जब्त किए गए हैं.

(इनपुट - आईएएनएस)

HIGHLIGHTS

  • पश्चिम बंगाल के रण में सियासी घमासान
  • प्रचार में धुरंधरों ने लगाई अपनी ताकत
  • हवाई यात्रा पर नेताओं ने 100 करोड़ खर्च किए
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