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एमपी में तीसरी लहर को रोकने और रोजगार बढ़ाने पर जोर

मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को रोकने के साथ रोजगार के अवसर मुहैया करने पर खास जोर दिया जा रहा है. एक तरफ जहां अर्थव्यवस्था को सुधारने के प्रयास हो रहे हैं, तो वहीं अस्पतालों में सुविधाएं बढ़ाई जा रही है.

Updated on: 06 Jul 2021, 01:23 PM

भोपाल:

मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को रोकने के साथ रोजगार के अवसर मुहैया करने पर खास जोर दिया जा रहा है. एक तरफ जहां अर्थव्यवस्था को सुधारने के प्रयास हो रहे हैं, तो वहीं अस्पतालों में सुविधाएं बढ़ाई जा रही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वीडियो कॉफ्रेन्सिंग के जरिए आपदा प्रबंधन समूहों से संवाद करते हुए कहा कि प्रदेश में तीसरी लहर को रोकने की तैयारियों के साथ ही रोजगारमूलक कार्यो को तेजी से चालू किया जाए. तीसरी लहर की व्यवस्थाओं के साथ ही, अर्थव्यवस्था को सुधारने तथा कोरोना के प्रति जनता को जागरूक करने में क्राइसिस मैनेजमेंट समूह प्रशासन के साथ सक्रिय रूप से कार्य करें.

क्राइसिस मैनेजमेंट समूहों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोरोना ने हमारी अर्थव्यवस्था, व्यापार-व्यवसाय, लोगों की आजीविका को बुरी तरह से प्रभावित किया है. रोजगार के अवसर बढ़ाना इस समय सबसे बड़ी चुनौती है. सरकार विभिन्न माध्यमों से प्रति माह एक लाख रोजगार के अवसर सृजित करने का प्रयास करेगी. इसके साथ ही प्रदेश में तेजी से निवेश आकर्षित किया जा रहा है.

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बताया गया है कि प्रदेश में 169 नए ऑक्सीजन संयंत्र लगाए जा रहे हैं, जिनमें से 19 प्रारंभ हो गए हैं, शेष आगामी दो माह में प्रारंभ हो जाएंगे. इसी के साथ 33 जिला अस्पतालों में कुल 198 किलो लीटर क्षमता के लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन टैंक स्थापित किए जा रहे हैं. चार चिकित्सा महाविद्यालयों में 101 किलो लीटर की अतिरिक्त एल.एम. ओ. भण्डारण क्षमता विकसित की जा रही है. प्रदेश में कुल 12 हजार 339 ऑक्सीजन कंसेन्ट्रेटर्स हैं.

प्रदेश के शासकीय चिकित्सालयों एवं चिकित्सा महाविद्यालयों में आगामी दो माह में 17 हजार, 827 ऑक्सीजन बेड्स हो जाएंगे, जो वर्तमान में 14 हजार 13 हैं. इसी प्रकार 4,771 आईसीयू बेड्स हो जाएंगे, जो वर्तमान में 3,776 हैं.

कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों के ज्यादा प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है. इसके मद्देनजर राज्य में शिशु चिकित्सा सुविधा पर खास जोर दिया जा रहा है. प्रदेश के 51 जिला चिकित्सालयों में आगामी दो माह में 520 शिशु आईसीयू बेड्स हो जायेंगे. इसके साथ ही मेडिकल कॉलेजेस में 380 अतिरिक्त शिशु आईसीयू बेड्स हो जाएंगे. लोक स्वास्थ्य संस्थाओं में 992 शिशु आइसीयू बेड्स बढ़ाए जाएंगे.