Bhopal News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड कारखाने का 337 टन जहरीला कचरा आज बुधवार को साफ किया गया. करीब 12 कंटेनरों में भरकर धार जिले के पीथमपुर के लिए रवाना कर दिया गया. इसपर भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग के निदेशक स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि इसके लिए 250 किलोमीटर का ग्रीन कारीडोर बनाया गया है, जिसमें जगह-जगह पुलिस की तैनाती की गई है.
इसमें भोपाल, सीहोर, देवास, इंदौर होते हुए यह कंटेनर गुरुवार तड़के पीथमपुर स्थित रामकी कंपनी पहुंचने हैं. कंटेनरों के साथ एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड आदि टीमों के वाहन भी रवाना हुए हैं. इस तरह करीब 18 वाहन शामिल हैं. इस कचरे को कंटेनरों में लोडिंग के काम में डेढ़ सौ मजदूरों ने 15 शिफ्ट में काम करके कचरे को कंटेनरों में अपलोड कराया है.
इस रूट से गुजरेंगे कंटेनर
बता दें कि कंटेनरों को करोंद मंडी, पीपुल्स मॉल, करोंद चौराहा, गांधी नगर, मुबारकपुर और सीहोर नाका के रास्ते पीथमपुर ले जाया जाएगा. हर कंटेनर को ट्रैक करने के लिए एक यूनिक नंबर दिया गया है.
किए गए विशेष सुरक्षा उपाय:
1. पुलिस सुरक्षा बल
2. एंबुलेंस
3. फायर ब्रिगेड
4. क्विक रिस्पॉन्स टीम
हर कंटेनर की 50 किमी प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार रहेगी और हर गाड़ी में दो ड्राइवर मौजूद होंगे.
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आज भी याद है 1984
स्वतंत्र कुमार सिंह ने आगे कहा कि करीब 100 लोगों ने कचरे को पैक करने और ट्रकों में लादने के लिए 30 मिनट की पाली में काम किया. ये लोग रविवार से इस काम में जुटे हुए थे. उन्होंने कहा, उनकी स्वास्थ्य जांच की गई और हर 30 मिनट में उन्हें आराम दिया गया. ज्ञातर रहे कि दो और तीन दिसंबर, 1984 की दरमियानी को भोपाल में यूनियन कार्बाइड कीटनाशक कारखाने से अत्यधिक जहरीली मिथाइल आइसोसाइनेट (एमआईसी) गैस लीक हुई थी, जिसमें कम से कम 5,479 लोगों की जान चली गई थी और हजारों लोग अपंग हो गए. ये एक ऐसी आपदा है जिसे दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक आपदाओं में से एक माना जाता है.
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