Saurabh Sharma Case: मध्य प्रदेश में परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के केस में एक बड़ा अपडेट सामने आया है. अब गिरफ्तारी के डर से उन्होंने भोपाल कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल की है. अब अदालत उसके आवेदन पर शुक्रवार को सुनवाई करेगी. बताया जा रहा है कि सौरभ शर्मा के खिलाफ लुक आउट नोटिस भी जारी कर दिया गया है, जिसके बाद से लोकायुक्त पुलिस उसकी तलाश में जुटी है.
कहीं सौरभ का एनकाउंटर न हो जाए
भोपाल जिला न्यायालय में सौरभ शर्मा के वकील ने अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दाखिल की है. सौरभ शर्मा की ओर से ग्वालियर के वकील राकेश पाराशर पैरवी कर रहे हैं. वकील पाराशर का कहना है, ''मुझे नहीं पता सौरभ कहां है. याचिकाकर्ता की मां के कहने पर ग्वालियर से भोपाल आया हूं. हमें डर है कि कहीं सौरभ का एनकाउंटर न हो जाए.'
इसलिए गिरफ्तारी से बचना चाहता है सौरभ
ये पूरी कवायद सौरभ ने गिरफ्तारी से बचने के लिए की है. क्योंकि अगर वह एक बार भी गिरफ्तार हो गया तो जांच एजेंसियां आसानी से उसकी जमानत नहीं होने देंगी. इस बात को ध्यान में रखते हुए सौरभ शर्मा ने भोपाल के विशेष न्यायाधीश राम प्रसाद मिश्र की अदालत में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन दाखिल किया है. कल इस पूरे मामले में भोपाल न्यायालय में सुनवाई की जाएगी.
पीएमएलए के तहत केस दर्ज
पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के केस में अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) और राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) की एंट्री हो चुकी है. उनके ठिकानों से करोड़ों की नगदी और अकूत संपत्ति बरामद हुई थी. ईडी ने सौरभ और उसके सहयोगी चेतन गौर के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत केस दर्ज किया. इस मामले में रोजाना नए और चौंका देने वाले खुलासे भी हो रहे हैं.
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झूठे शपथ पत्र के सहारे मिली थी अनुकंपा नियुक्ति
परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के केस में लगातार जांच जारी है, ऐसे में एक हैरान कर देने वाला खुलासा हुआ है. दावा किया जा रहा है कि पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा की मां ने उसे झूठे शपथ पत्र के सहारे अनुकंपा नियुक्ति दिलवाई है. सौरभ को नौकरी दिलाने के लिए उसकी मां उमा शर्मा ने झूठा शपथ पत्र दिया था. उमा शर्मा का बड़ा बेटा सचिन शर्मा छत्तीसगढ़ सरकार की नौकरी कर रहा था, लेकिन उन्होंने झूठा शपथ पत्र दिया. सोशल मीडिया पर अब यह शपथ पत्र वायरल होने के बाद से खलबली मची हुई है.
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