Bhopal News: सौरभ शर्मा केस में चौंका देने वाला खुलासा, मां ने झूठे शपथ पत्र के सहारे दिलाई थी अनुकंपा नियुक्ति

Bhopal News: भोपाल में सौरभ शर्मा केस में लगातार जांच जारी है, ऐसे में एक हैरान कर देने वाला खुलासा हुआ है. दावा किया जा रहा है कि पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा की मां ने उसे झूठे शपथ पत्र के सहारे अनुकंपा नियुक्ति दिलवाई है.

Bhopal News: भोपाल में सौरभ शर्मा केस में लगातार जांच जारी है, ऐसे में एक हैरान कर देने वाला खुलासा हुआ है. दावा किया जा रहा है कि पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा की मां ने उसे झूठे शपथ पत्र के सहारे अनुकंपा नियुक्ति दिलवाई है.

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Yashodhan.Sharma
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Saurabh Sharma case

Saurabh Sharma case Photograph: (social)

Saurabh Sharma Case: मध्य प्रदेश में चर्चित परिवहन विभाग के पूर्व सपाही सौरभ शर्मा के मामले में परत-दर-परत रहस्य खुलते जा रहे हैं. यहां जांच के दौरान जो कुछ सामने आ रहा है वो चौंका देने वाला है. ताजा अपडेट के मुताबिक खुलासा हुआ है कि सौरभ को नौकरी दिलाने के लिए उसकी मां उमा शर्मा ने झूठा शपथ पत्र दिया था. उमा शर्मा का बड़ा बेटा सचिन शर्मा छत्तीसगढ़ सरकार की नौकरी कर रहा था, लेकिन उन्होंने झूठा शपथ पत्र दिया. सोशल मीडिया पर अब यह शपथ पत्र वायरल होने के बाद से खलबली मची हुई है.   

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दरअसल, ग्वालियर के विनय नगर सेक्टर-2 निवासी सौरभ शर्मा के पिता सरकारी डॉक्टर के रूप में कार्यरत थे. उनका साल 2015 में निधन हो गया था. पिता डॉ. राकेश कुमार शर्मा के निधन के बाद छोटे बेटे सौरभ शर्मा को अनुकंपा नियुक्ति दिलाने का खेल शुरू होता है.

शपथ पत्र में लिखी थी ये कहानी  

इस अनुकंपा नियुक्ति को पाने के लिए शपथ पत्र में सौरभ शर्मा ने लिखा, ''मेरे पिता के आश्रित सदस्यों में से कोई भी शासकीय एवं अर्ध शासकीय सेवा में नहीं है.'' जबकि सौरभ का बड़ा भाई सचिन शर्मा इस दौरान छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग से चयनित होकर सरकारी नौकरी कर रहा था. 

यही नहीं, सौरभ शर्मा की मां उमा शर्मा ने भी अपने शपथ पत्र में लिखा, ''मेरा बड़ा पुत्र सचिन शर्मा अपने परिवार के साथ 5 वर्षों से रायपुर (छत्तीसगढ़) में नौकरी कर रहा है जो सरकारी नहीं है और मेरे पति पर आश्रित परिवार का कोई भी सदस्य शासकीय अथवा निगम मंडल परिषद आयोग आदि में नियमित व नियोजित नहीं है.''  हालांकि, अब मध्य प्रदेश की लोकायुक्त पुलिस इस वायरल हो रहे शपथ पत्र को जांच में शामिल होकर कार्रवाई करने का दावा कर रही है.  

ये है पूरा मामला

दरअसल, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक लावारिस कार बरामद हुई थी. इस कार में जो मिला, उसने हर किसी को हैरान कर के रख दिया. पुलिस ने गाड़ी से 10 करोड़ कैश के साथ ही 52 किलो सोना और चांदी की बिस्किट बरामद किए. उसके बाद पुलिस ने गाड़ी के नंबर से उसके मालिक का पता किया. गाड़ी चेतन सिंह गौर के नाम पर थी. 

यह भी पढ़ें: 7 साल में RTO कांस्टेबल ने बना लिए 100 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति, सोने-चांदी के पहाड़ का क्या है सच?

7 साल में 100 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति

वहीं, जब पुलिस ने उससे पूछताछ की तो बड़ा खुलासा हुआ. चेतन सिंह से लंबी पूछताछ में डेढ़ सौ पन्नों का बयान दर्ज किया गया. चेतन सिंह पूर्व आरटीओ कांस्टेबल सौरभ शर्मा का खास है. उसने सख्ती से पूछताछ में सौरभ शर्मा के पास 100 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति की बात कबूली. 

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