मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से लापता हुई अर्चना तिवारी आखिरकार मिल गई हैं. वह उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में भारत-नेपाल बॉर्डर के पास बरामद हुईं. आपको बता दें कि अर्चना 7-8 अगस्त की रात इंदौर-बिलासपुर नर्मदापुरम एक्सप्रेस से अचानक गायब हो गई थीं. इसके बाद से पुलिस लगातार उनकी तलाश में जुटी थी.
पुलिस को मिली बड़ी सफलता
रानी कमलापति जीआरपी थाना की टीम को इस मामले में बड़ी सफलता मिली. पुलिस ने अर्चना को सुरक्षित अपने कब्जे में ले लिया है और अब उन्हें भोपाल लाया जा रहा है. हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वह वहां कैसे और क्यों पहुंचीं. इस बारे में जानकारी तभी मिल पाएगी जब पुलिस उनसे पूछताछ करेगी.
13 दिनों से थी लापता
अर्चना तिवारी कटनी जिले की रहने वाली हैं और इंदौर में रहकर सिविल जज की तैयारी कर रही थीं. वह रक्षाबंधन पर अपने घर जाने के लिए ट्रेन में सवार हुई थीं, लेकिन बीच रास्ते में लापता हो गईं. पिछले 13 दिनों से उनका परिवार बेहद परेशान था. उनकी बरामदगी से अब परिजनों ने राहत की सांस ली है.
इस बीच पुलिस ने ग्वालियर से कांस्टेबल राम तोमर को हिरासत में लिया था. उसने ही अर्चना का इंदौर से भोपाल का टिकट कराया था. हालांकि इस मामले में उसकी भूमिका क्या है, यह साफ नहीं हो पाया है. भोपाल रेलवे एसपी राहुल लोढ़ा ने कई दावों को खारिज किया है और कहा है कि पूरी सच्चाई अर्चना के बयान के बाद ही सामने आएगी.
फिलहाल पुलिस का ध्यान उन्हें सुरक्षित भोपाल लाने और परिवार से मिलाने पर है. इसके बाद ही पता चल सकेगा कि अर्चना अपनी मर्जी से नेपाल बॉर्डर तक पहुंचीं या किसी दबाव में. अब सबकी नजरें पुलिस की आगे की जांच और अर्चना के बयान पर टिकी हैं.
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