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लेह, लद्दाख से हवाईजहाज से वापस लाए गए झारखंड के मजदूर

लेह में फंसे झारखंड के 60 प्रवासी मजदूरों (Migrant Labor) को हवाई जहाज से रांची लाया गया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने रात बिरसा मुंडा हवाईअड्डा पर लेह, लद्दाख से हवाईजहाज से लौटने वाले प्रवासी मजदूरों का स्वागत किया.

Updated on: 30 May 2020, 08:54 AM

रांची:

लेह में फंसे झारखंड के 60 प्रवासी मजदूरों (Migrant Labor) को हवाई जहाज से रांची लाया गया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने रात बिरसा मुंडा हवाईअड्डा पर लेह, लद्दाख से हवाईजहाज से लौटने वाले प्रवासी मजदूरों का स्वागत किया. इस मौके पर उन्होंने प्रवासी मजदूरों से बातचीत कर उनका हालचाल भी जाना. मुख्यमंत्री ने कहा कि लेह में फंसे झारखंड के श्रमिकों को पहले दिल्ली लाया गया और फिर यहां पहुंचे. उन्होंने कहा कि हवाईजहाज से प्रवासी मजदूरों को लाने का सिलसिला शुरू हो चुका है. अब अंडमान में फंसे हुए प्रवासी मजदूरों को भी हवाईमार्ग से झारखंड लाने की पहल की जा रही है.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि वैसे इलाकों, जहां ट्रेन या अन्य परिवहन साधनों के विकल्प सीमित हैं, वहां से प्रवासी मजदूरों को हवाईजहाज से वापस लाया जाएगा. इस सिलसिले में राज्य के अधिकारी केंद्र सरकार के साथ लगातार संपर्क बनाए हुए हैं. इससे पहले, सुबह में सोरेन ने ट्वीट किया कि हम अपने प्रवासी कामगारों को सुरक्षित घर लौटाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इसी क्रम में लेह में फंसे 60 श्रमिकों को वापस लाने की व्यवस्था सरकार ने कर ली है और आज से वे राज्य में विभिन्न विमानों से लौटने लगेंगे.

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उन्होंने कहा कि इस कार्य में सहयोग के लिए लद्दाख प्रशासन, स्पाइस जेट, इंडिगो और सीमा सड़क संगठन की पूरी टीम को धन्यवाद. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रवासी मजदूरों को हवाई जहाज से लाने के लिए लगातार प्रयासरत थी. इस सिलसिले में केंद्रीय गृह मंत्रालय को अनुमति देने के लिए कई बार पत्र लिखा गया था. मुख्यमंत्री ने दावा करते हुए कहा कि झारखंड देश का ऐसा पहला राज्य है जिसने सबसे पहले हवाई जहाज से मजदूरों को वापस लाने की मांग केंद्र सरकार से की थी. हेमंत ने कहा कि अब तक राज्य में विशेष ट्रेनों और बसों के माध्यम से लगभग 4.5 लाख मजदूरों को वापस लाया जा चुका है.