इंसानियत की मिसाल: CRPF जवानों ने मुठभेड़ में घायल नक्सली की जान बचाने के लिए दिया खून
सीआरपीएफ के दो कर्मियों ने उस नक्सली की जान बचाने के लिए 'मानवीय' आधार पर रक्त दान किया जो बल के साथ हुई एक मुठभेड़ के बाद घायल अवस्था में पकड़ा गया था.
दिल्ली:
झारखंड में तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के दो कर्मियों ने उस नक्सली की जान बचाने के लिए 'मानवीय' आधार पर रक्त दान किया जो बल के साथ हुई एक मुठभेड़ के बाद घायल अवस्था में पकड़ा गया था. यह जानकारी अधिकारियों ने शुक्रवार को दी. अर्धसैनिक बल की 60वीं बटालियन और राज्य पुलिस के नेतृत्व में एक टीम के साथ बृहस्पतिवार को झारखंड (Jharkhand) के पश्चिमी सिंहभूम जिले के मनमारू-टेबू क्षेत्र के जंगल में हुई एक मुठभेड़ में तीन नक्सली मारे गए थे और दो को पकड़ लिया गया था. इसमें सुरक्षा बल का कोई भी जवान घायल नहीं हुआ था. सीआरपीएफ के कान्स्टेबल ओम प्रकाश यादव और संदीप कुमार बृहस्पतिवार शाम में तब रक्तदान करने के लिए आगे आये जब टाटानगर के एक अस्पताल के चिकित्सकों ने उनके कमांडर को सूचित किया कि जिस घायल व्यक्ति को उन्होंने भर्ती कराया था उसका काफी खून बह गया है.
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कान्स्टेबल ओम प्रकाश यादव ने झारखंड से पीटीआई से फोन पर कहा, ‘मुझे पता है कि वे हम पर बंदूक तानते हैं..हम उनके खिलाफ अभियान भी चलाते हैं...लेकिन सबसे ऊपर मानवता है. मैंने एक मनुष्य होने के नाते अपना कर्तव्य निभाया.’ 36 वर्षीय जवान 2006 में बल में भर्ती हुए थे. यादव ने कहा कि उन्होंने पूर्व में भी रक्तदान किया है क्योंकि उनका मानना है कि कोई भी किसी व्यक्ति को जो सबसे बहुमूल्य उपहार दे सकता है वह है जीवन बचाने का. यादव झारखंड के धनबाद जिले के रहने वाले हैं. उसके सहयोगी 30 वर्षीय संदीप कुमार इकाई में एक कारपेंटर हैं.
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उन्होंने कहा, ‘हम देश के लिए अपने कर्तव्य के तहत दुश्मन पर गोली चलाने, मारने के लिए लड़ाई में उतरते हैं. हालांकि किसी के जीवन की रक्षा करना भी हमारा कर्तव्य है.’ राजस्थान के झुंझनू जिले के रहने वाले कुमार 2010 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे. अधिकारियों ने बताया कि घायल नक्सली की हालत अब स्थिर है. सीआरपीएफ के प्रवक्ता एवं उपमहानिरीक्षक मोजेस दिनाकरन ने दिल्ली में कहा, ‘कर्मियों ने वही किया, जिसका प्रशिक्षण उन्हें दिया गया है, कर्तव्य के प्रति समर्पण और मानव जीवन की रक्षा करना.’ उन्होंने कहा, "हमें उन दोनों जवानों पर गर्व है जिन्होंने झारखंड में एक घायल नक्सली के लिए रक्तदान किया." उक्त मुठभेड़ में एक महिला नक्सली सहित तीन नक्सली मारे गए थे.
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