झारखंड सरकार कोयला खदानों की नीलामी के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंची

झारखंड सरकार (Jharkhand government) कोयला खदानों की नीलामी के केन्द्र सरकार के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय पहुंच गयी है.

झारखंड सरकार (Jharkhand government) कोयला खदानों की नीलामी के केन्द्र सरकार के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय पहुंच गयी है.

author-image
Dalchand Kumar
New Update
हेमंत सोरेन को मिला कांटों भरा ताज, 85 हजार करोड़ के कर्ज सहित जानें 5 बड़ी चुनौतियां

झारखंड सरकार कोयला खदानों की नीलामी के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंची( Photo Credit : फाइल फोटो)

झारखंड सरकार (Jharkhand government) कोयला खदानों की नीलामी के केन्द्र सरकार के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय पहुंच गयी है और उसने नीलामी में राज्य सरकार को विश्वास में लेने की जरूरत बताते हुए इस पर रोक लगाने की मांग की है. मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन (Hemant Soren) ने शनिवार को कहा कि कोयला खदानों की नीलामी को लेकर राज्य सरकार ने उच्चतम न्यायालय में अर्जी दायर की है. उन्होंने दो टूक कहा कि कोयला खदान की नीलामी में केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को विश्वास में लेने की जरूरत थी, क्योंकि झारखण्ड में खनन का विषय हमेशा से ज्वलंत रहा है.

Advertisment

यह भी पढ़ें: झारखंड में राज्यसभा की 2 सीटों में से JMM और BJP ने एक-एक सीट जीती

उन्होंने कहा कि इतने वर्षों बाद नयी प्रक्रिया अपनाई गई है और इस प्रक्रिया से प्रतीत होता है कि हम फिर उस पुरानी व्यवस्था में जाएंगे, जिससे बाहर निकले थे. उन्होंने कहा कि मौजूदा व्यवस्था से यहां रह रहे लोगों को खनन कार्य में अब भी अधिकार प्राप्त नहीं हुआ है. विस्थापन की समस्या उलझी हुई है. राज्य सरकार पहले ही केंद्र सरकार से मामले में जल्दबाजी न करने का आग्रह कर चुकी है लेकिन केंद्र सरकार की ओर से ऐसा कोई आश्वासन प्राप्त नहीं हुआ जिससे लगे कि पारदर्शिता बरती जा रही है.

यह भी पढ़ें: झारखंड में खुलीं कपड़े और जूते की दुकानें, CM बोले-करें नियमों का पालन

मुख्यमंत्री ने कहा, 'कोयला खदानों की नीलामी से पूर्व राज्यव्यापी सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण होना चाहिए था जिससे पता चल सके कि कोयला खनन से यहां के लोग लाभान्वित हुए या नहीं और यदि नहीं हुए तो क्यों नहीं हुए? यह बड़ा विषय था लेकिन केंद्र सरकार ने जल्दबाजी दिखाई है. आज पूरी दुनिया लॉकडाउन से प्रभावित है. भारत सरकार कोयला खदानों की नीलामी में विदेशी निवेश की भी बात कर रही है, जबकि विदेशों से आवागमन पूरी तरह बंद है. झारखण्ड की अपनी स्थानीय समस्याएं हैं. आज यहां के उद्योग धंधे बंद पड़े हैं. ऐसे में कोयला खदानों की नीलामी प्रक्रिया राज्य को लाभ देने वाली प्रतीत नहीं होती है.'

यह वीडियो देखें: 

cm-hemant-soren Jharkhand Ranchi
      
Advertisment