Bokaro: झारखंड के बोकारो में गोमिया प्रखंड के चुट्टे पंचायत अंतर्गत रजडेरवा गांव के प्रवासी मजदूर रेशका हेम्ब्रम (50) की मौत के बाद रविवार सुबह जैसे ही उनका शव एंबुलेंस के माध्यम से गांव लाया गया, पूरे गांव में मातम छा गया. मृतक की अंतिम विदाई के साथ उनके स्वजनों ने ठेका कंपनी पर गंभीर आरोप लगाए और मुआवजे की मांग को लेकर विरोध दर्ज कराया.
गुजरात के दो चालकों को बनाया बंधक
मृतक रेशका हेम्ब्रम गुजरात में एक निर्माण कंपनी में सेटरिंग मिस्त्री के तौर पर काम कर रहे थे. शुक्रवार को उनके स्वजनों को उनकी असामयिक मृत्यु की सूचना मिली थी. शव के साथ उचित मुआवजा या बकाया वेतन नहीं भेजे जाने से आक्रोशित ग्रामीणों ने एंबुलेंस (संख्या GJ 23AT 6650) को रोक दिया और उसमें मौजूद गुजरात के चालक सुनील पटेल तथा उपचालक विपुल पटेल को गांव में ही बंधक बना लिया.
पंचायत मुखिया ने संभाली स्थिति
स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सूचना पाकर पंचायत मुखिया रियाज अहमद, पंसस अजय कुमार रविदास और अन्य लोगों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभालने का प्रयास किया. उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए किसी भी प्रकार की हिंसा से बचने को कहा.
मृतक की पत्नी सोलीमुनी देवी ने बताया कि न तो कंपनी ने मुआवजा दिया और न ही पति का बकाया वेतन. दो घंटे तक चली बातचीत और दबाव के बाद ठेका कंपनी ने 70 हजार रुपये मुआवजा तथा करीब 12 हजार रुपये बकाया वेतन भेजा. साथ ही बीमा दावा की शेष राशि जल्द भेजने का आश्वासन भी दिया गया.
गांव में शोक का माहौल
इसके बाद ग्रामीणों ने कागजी कार्रवाई कर एंबुलेंस और चालकों को मुक्त कर दिया और शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया. मृतक के बेटे राकेश व राजेश हेम्ब्रम ने आरोप लगाया कि कंपनी सिर्फ औपचारिकता निभाकर पल्ला झाड़ना चाह रही थी. गांव में अब भी शोक का माहौल व्याप्त है.
यह भी पढ़ें: Jharkhand: झारखंड के सराइकेला खरसावां में पूरे परिवार ने एक साथ दी जान, फंदे से लटके मिले चार लोगों के शव
यह भी पढ़ें: Jharkhand News: जमशेदपुर में करणी सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की गोली मारकर हत्या, खेत में पड़ा मिला शव