बिहार में भले ही बीजेपी जदयू का सहयोगी दल बनकर नीतीश के सरकार चलाने में सहयोग कर रही हो लेकिन झारखंड में जदयू ठीक इसके उलट कार्य कर बीजेपी की राह को मुश्किल बना दिया है. ऐसे में बीजेपी के लिए झारखंड में चुनावी राह आसान नहीं होगी क्योंकि बीजेपी राह में उनके ही सहयोगी जदयू झारखंड में रोड़ा बनकर खड़ी हो गई है और जनता के बीच सरकार के नाकामियों को गिना कर जदयू बीजेपी सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान कर रही है.
असंभावित विस् चुनाव को देखते हुए बीजेपी के सहयोगी दल जदयू झारखंड में बड़े तेवर के साथ चुनावी मैदान कूद पड़े हैं और बीजेपी के खिलाफ अपने तेवर बुलंद कर संताल पर कब्जा जमाने के लिए अपने संगठन के साथ मज़बूती से जनता के बीच कदम रख रहे हैं. झारखंड जदयू प्रदेश अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने हासा भाषा और नौकरी यानी माटी भाषा और रोजगार के मुद्दे को लेकर इसकी शुरुआत शिकारीपाड़ा के विधानसभा से की जहां जदयू से प्रत्यासी बनकर खुद सालखन मुर्मू ने जनता से वर्तमान बीजेपी सरकार को उखाड़ फेंकने की अपील की. हालांकि यह विस् क्षेत्र जेएमएम का है जहां 30 साल से इस क्षेत्र में काबिज जेएमएम के विधायक नलिन सोरेन हैं.
यह भी पढ़ें- साइकिल सवार व्यक्ति को तेज रफ्तार ट्रक ने कुचला, मौके पर हुई मौत
लेकिन इस सभा मे जेएमएम से ज्यादा बीजेपी सरकार की आलोचना की. उन्होंने बीजेपी और जेएमएम को आरोप लगाते हुए कहा कि ये दोनों पार्टियों ने लोगों को शराब पिलाकर वोट बैंक का जरिया बना कर रखा है. जिसे लोगों को समझने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार बिहार में सुशासन लाकर राज्य को विकास की ओर ले गई जबकि वर्तमान की बीजेपी सरकार से लोगों का जीवन गर्त में चला गया. नीतीश सरकार ने राज्य में शराब मुक्त की हुई है जबकि झारखंड में बीजेपी सरकार खुलेआम दुकानों में शराब बेच लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर रही है.
आज सरकार पूंजीपति और उद्योगपतियों के कब्जे में होकर जबरन भू अधिग्रहण कर लोगों को विस्थापन का शिकार बना रही है. ऐसे में इस सरकार से लोगों का जीवन खतरे में पड़ गया है. जरूरत है ऐसी सरकार को उखाड़ फेंकने की. गौरतलब है कि जन आर्शीवाद यात्रा के जरिये झारखंड के रघुवर सरकार विकास के बदौलत संताल सहित पूरे राज्य में 65 पार सीट लाने का दावा कर रहे हैं. ऐसे में जदयू द्वारा प्रत्यासी खड़े किए जाने से बीजेपी के लिए एक चुनौती बन गयी है.
Source : Bikash Prasad Sah