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'ट्रांसफर-पोस्टिंग के नाम पर बन्ना गुप्ता कर रहे मनमानी', CM को लिखे पत्र में MLA सरयू राय 

निर्दलीय विधायक सरयू राय ने सीएम हेमंत सोरेन को लिखी अपनी चिट्ठी में आरोप लगाया है कि स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता विभाग में अपनी मनमानी कर रहे हैं. खासकर ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर को अपनी ही चला रहे हैं.

Updated on: 28 Dec 2022, 03:21 PM

highlights

  • सरयू राय ने स्वास्थ्य मंत्री पर लगाया गंभीर आरोप
  • ट्रांसफर-पोस्टिंग के नाम पर मनमानी करने का लगाया आरोप
  • सीएम हेमंत सोरेन को MLA सरयू राय ने लिखा पत्र

Ranchi:

एक बार फिर से झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर विधायक सरयू राय ने गंभीर आरोप लगाया है. निर्दलीय विधायक सरयू राय ने सीएम हेमंत सोरेन को लिखी अपनी चिट्ठी में आरोप लगाया है कि स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता विभाग में अपनी मनमानी कर रहे हैं. खासकर ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर को अपनी ही चला रहे हैं. इससे पहले भी कई विधायकों द्वारा स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर आरोप लगाया जा चुका है लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है. सीएम हेमंत सोरेन को लिखे पत्र में विधायक सरयू गुप्ता द्वारा और भी इसी तरह के कई आरोप लगाए गए हैं.

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वैसे ये पहला मौका नहीं है जब सरयू राय ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर इस तरह के आरोप लगाए हैं. इससे पहले अप्रेल 2022 में सरयू राय ने दावा किया था कि स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता द्वारा अंबेडकर जयंती  के अवसर पर यानि सरकारी छुट्टी के दौरान दफ्तर पहुंचकर कई हेराफेरी की गई थी. सरयू राय ने सीएम हेमंत सोरेन से तह स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को बर्खास्त कर उनके खिलाफ FIR दर्ज करने की भी मांग की गई थी. सरयू राय ने 54 लोगों के खाते में प्रोत्साहन राशि भेजे जाने से संबंधित बिल भी सबूत के तौर पर दिए गए थे. सरयू राय ने आरोप लगाया था बन्ना गुप्ता ने अपने मंत्री पद का दुरुपयोग करते हुए डोरंडा ट्रेजरी से तेजी से पैसों का भुगतान कराया था.

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उस समय सरयू राय ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर ये भी आरोप लगाया था कि बन्ना गुप्ता द्वारा जानबूझकर ऐसे कर्मचारियों को मंत्री कोषांग का कर्मी बताया गया था जो कि वास्तव में मंत्री कोषांग के कर्मचारी थे ही नहीं. बन्ना गुप्ता ने स्वयं भी अपना नाम कोषांग के कर्मचारियों में शामिल कराकर कोरोना प्रोत्साहन राशि हड़पने के लिए भुगतान अपना विपत्र प्रोजेक्ट भवन ट्रेजरी में भिजवाया था जबकि मंत्री इसके लिए किसी भी तरह से पात्र नहीं थे. अवकाश के दिन कार्यालय पहुंचकर उन्होंने कागजों के साथ छेडछाड़ की थी.