logo-image

जम्मू-कश्मीर के चिनाब नदी पर बनेगा दुनिया का सबसे बड़ा ब्रिज, होगी इतनी ऊंचाई

इस ब्रिज को दो हिस्सों में बनाया गया है. ब्रिज का एक हिस्सा पिलर पर जबकि दूसरा हिस्सा आर्च पर बनाया जा रहा है.  इस ब्रिज का 1315 मीटर के ब्रिज में पिलर वाला हिस्सा तैयार कर लिया गया है, जबकि आर्च का 467 मीटर का आर्च का हिस्सा अपने आखिरी पड़ाव में है.

Updated on: 17 Mar 2021, 02:36 PM

highlights

  • 2021 में पुल तैयार होने का दावा
  • दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज
  • नदी से 359 मीटर ऊंचाई पर काम जारी

जम्मू कश्मीर:

जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर ‘चिनाब रेलवे ब्रिज’ बनाया जा रहा है जो कि रियासी जिले के अंतर्गत आते कोड़ी और बक्कल के बीच तैयार किया जा रहा है. आपको बता दें कि यह ब्रिज दुनिया का सबसे ऊंचा ब्रिज होगा. इस ब्रिज की जिसकी ऊंचाई 359 मीटर की है. इस ब्रिज को दो हिस्सों में बनाया गया है. ब्रिज का एक हिस्सा पिलर पर जबकि दूसरा हिस्सा आर्च पर बनाया जा रहा है.  इस ब्रिज का 1315 मीटर के ब्रिज में पिलर वाला हिस्सा तैयार कर लिया गया है, जबकि आर्च का 467 मीटर का आर्च का हिस्सा अपने आखिरी पड़ाव में है. आपको बता दें कि ब्रिज का ये वाला हिस्सा ही है जो दुनिया की सबसे ज्यादा ऊंचाई वाला है. 

जम्मू-कश्मीर में दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज अपने निर्माण के अंतिम पड़ाव पर है. इस रेलवे ब्रिज की ऊंचाई 359 मीटर है, आपको बता दें कि इसकी ऊंचाई एफिल टावर से 35 मीटर ज्यादा लंबी है. वहीं अभी तक दुनिया में सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज चीन की बेइ पैन नदी पर बना है. चीन में बने इस रेलवे ब्रिज की ऊंचाई 275 मीटर है. जम्मू-कश्मीर में बन रहा ‘चिनाब रेलवे ब्रिज’ चीन की बेइ नदी पर बने रेलवे ब्रिज से 66 मीटर ज्यादा ऊंचाई पर बनाया जा रहा है.

यह भी पढ़ेंःजम्मू से गिरफ्तार आतंकी का बड़ा खुलासा, नेताओं को मारने का मिला था टारगेट

पुल को बनाने में किया गया है 24000 टन स्टील का प्रयोग
ब्रिज का आर्च अब लगभग बनकर तैयार हो चुका है. सबसे ऊंचे हिस्से के बॉटम आर्च को लगा दिया गया है और उसे मजबूती देने का काम चल रहा है. अपर आर्च लगना बाकी है, जिसे अगले महीने तक पूरा कर लिया जाएगा. इस आर्च को बनाने के लिए हाई क्वालिटी स्टील का इस्तेमाल किया गया है और इसे जोड़ने के लिए इसमें 2 लाख बोल्ट लगाए गए है. इस ब्रिज को बनाने और इसकी मेंटेनेंस के लिए एक रास्ता भी आर्च में ही तैयार किया गया है, जिसका इस्तेमाल आने वाले सालों में मेंटेनेंस के लिए किया जाएगा. दुर्गम क्षेत्र में बनाए जा रहे इस पुल में 24000 टन स्टील का इस्तेमाल किया जा रहा है.  इस ब्रिज के स्टिल को खास तरह का हरा रंग किया गया है जो camoflage हो जाता है.

यह भी पढ़ेंःजम्मू कश्मीर के शोपियां में एनकाउंटर, सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को ढेर किया

चिनाब नदी से 359 मीटर पर दिन रात काम जारी है
इस ब्रिज को बनाने के लिए जो दोनों तरफ से बेड बनाये गए थे वो फुटबॉल मैदान के आधे हिस्से के बराबर थे इस आर्च ब्रिज को बनाने के लिए जिस Paylon का इस्तेमाल क्रेन को ले जाने के लिए हुए हैं वो भी दुनिया मे सबसे ऊंची है. इस प्रोजेक्ट की पल पल की मॉनिटरिंग हर स्तर पर हो रही है. जिसके लिए हाई डेफिनेशन कैमरा ब्रिज के चारो और लगाए गए है. इस ब्रिज को बनाने में कितनी एहतियात बरती गई है. इसका अंदाज आप इस बात से लगा सकते है कि इस ब्रिज के बनने में आज तक किसी तरह का कोई हादसा नही हुआ है. इस ब्रिज को बनाने में 3200 से ज्यादा कर्मचारियों और इंजीनयर ने अपना योगदान दिया है. आज भी ये इंजीनयर और कर्मचारी आर्च की सबसे ऊंचाई यानी कि चिनाब नदी से 359 मीटर पर दिन रात काम कर रहे है.

यह भी पढ़ेंः जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमला, दो एसपीओ घायल

मोदी सरकार ने पुल को बनाई प्राथमिकता 
रेलवे अधिकारियों का दावा है कि 2021 में पुल बनकर तैयार हो जाएगा. इस ब्रिज को बनाने की योजना के साथ ही यह चर्चा में है खासकर यह रेलवे पुल अपने डिजाइन के कारण लोगों में उत्‍सुकता पैदा करता है. पुल उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना का हिस्सा है. यह पुल कटरा और बनिहाल के बीच 111 किमी रास्ते को जोड़ेगा.  ये ब्रिज भूकंप के 8 मैग्नीट्यूड के झटकों के साथ 266  किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार की हवा को भी सहने की क्षमता रखता है. आतंकी खतरों को देखते हुए इस ब्रिज में ब्लास्ट प्रूफ और माइन प्रूफ स्टील का इस्तेमाल किया गया है.  इस प्रोजेक्ट का काम  2003 -2004  में शुरू हुआ था. मोदी सरकार ने पुल को प्राथमिकता बनाई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने इस परियोजना पर विशेष ध्‍यान दिया है. पहले ही निर्देश जारी किये जा चुके है कि इस पुल का निर्माण कार्य 2021 में पूरा हो जाना चाहिए.