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ISI और लश्कर का सबसे बड़ा मोहरा चढ़ा सेना के हत्थे, LoC पार कर करना चाहता था सुसाइड अटैक

राजौरी के नौशहरा सेक्टर में सेना ने पाकिस्तानी ISI और पाक सेना के सबसे बड़े मोहरे को पकड़ने में कामयाबी हासिल की है. जो सालों से गाइड के किरदार में पाक एजेंसी के लिए एलओसी पर जानकारियां जुटने से लेकर आतंकी घुसपैठ करवाने तक का बड़ा काम कर रहा था.

Updated on: 21 Aug 2022, 09:06 PM

Rajouri:

राजौरी के नौशहरा सेक्टर में सेना ने पाकिस्तानी ISI और पाक सेना के सबसे बड़े मोहरे को पकड़ने में कामयाबी हासिल की है. जो सालों से गाइड के किरदार में पाकिस्तानी एजेंसी के लिए एलओसी पर जानकारियां जुटने से लेकर आतंकी घुसपैठ करवाने तक का बड़ा काम कर रहा था. रविवार सुबह नौशहरा में घुसपैठ की कोशिश के दौरान सेना द्वारा की गई फायरिंग में ये घायल हो गया, जिसके बाद सेना ने इसे दबोच लिया. इसके पकड़े जाने के बाद ये जानकारी सामने आई है कि ये एक सुसाइड मिशन पर था और कुछ दूसरे घुसपैठिए भी इसके साथ थे, लेकिन उससे पहले ही ये सेना की गोली का शिकार हो गया.

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सेना द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक पकड़ा गया घुसपेठियां पाकिस्तान के कोटली के सब्जकोट इलाके का रहने वाला है. 2016 के पहले से ये पाकिस्तानी एजेंसी ISI और पाक सेना के लिए जानकारियां जुटाने का काम कर रहा था. तबारक को इस काम के लिए ISI और पाकिस्तानी सेना 2 साल की ट्रेनिंग भी दी चुकी है. इसके अलावा पाकिस्तान के भीमभर में LoC के नजदीक लश्कर के आतंकी कैंप में 6 महीने की गाइड की ट्रेनिंग भी कर चुका है.

सेना ने ये जानकारी भी दी है कि 25 अप्रैल 2016 में ये अपने एक और साथी हारुन अली के साथ नौशेरा के झांगड़ इलाके में LoC पार करता पकड़ा गया था. उस दौरान उसने अपने आप को मासूम और निर्दोष बताने की कोशिश की थी. जिसके 26 महीने जेल में रहने के बाद इन दोनों को अटारी बाघा बार्डर के जरिए रिपेट्रिएट किया गया था. 16 दिसंबर 2019 में सेना ने तबारक के भाई को नशे की हालत में इसी जगह पर पकड़ा था.

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सेना ने जानकारी दी है कि गोली लगने के बाद तबारक LoC पर चीला कर बोलने लगा- 'मैं मरने के लिए आया था मुझे धोखा दे दिया, भाई जान मुझे यहां से निकालो'