Jaisalmer News: जैसलमेर में ट्यूबवेल की खुदाई के दौरान जमीन फाड़कर निकली जलधारा 41 घंटों के बाद थम गई है. इस आश्चर्यजनक घटना ने सबको हैरान कर दिया. जमीन से निकले सैलाब से इतना बड़ा गड्डा हुआ कि ट्रक तक समा गया. 41 घंटे तक ऐसी ही धारा फूटती रही कि पूरा रेगिस्तानी इलाका लबालब हो गया. हालांकि अब पानी का प्रवाह रुक गया है, जिससे लोगों ने राहत की सांस ली है. दावा किया जा रहा है कि जैसलमेर की घटना सरस्वती नदी के प्राचीन प्रवाह का संकेत है.
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फूटी जलधारा, सरस्वती नदी के संकेत?
जमीन से निकली इस जलधारा ने सबको हैरत में डाल दिया है. जैसलमेर के मोहनगढ़ में ट्यूबवेल की खुदाई के दौरान ऐसी लहरें उठी कि मशीन समेत ट्रक उसमें समा गया. लोग खौफ से भर गए और भगदड़ मच गई. इस अजीबोगरीब घटना को सरस्वती नदी से भी जोड़कर देखा जा रहा है. खुद भूवैज्ञानिक भी इसे सरस्वती नदी के प्राचीन प्रवाह का संकेत मान रहे हैं.
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आखिर ये घटना हुई कैसे?
दरअसल, मोहनगढ़ में बोरवेल की खुदाई के दौरान अचानक जमीन से पानी का फव्वारा फूट पड़ा. खुदाई के दौरान मशीन तक जमीन में धंस गई और पानी चारों तरफ फैलने लगा. 41 घंटे तक पानी का प्रवाह लगातार जारी रहा. ट्यूबेल खोदने वाली मशीन और ट्रक 850 फीट गहरे जमीन में धंस गए. पानी के दबाव के कारण 15 से 20 फीट की चौड़ाई में गहरा गड्ढा हो गया है. हालात को देखते हुए जिला प्रशासन को लोगों को घटनास्थल से 500 मीटर दूर रहने की सलाह देने पड़ी.
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क्या मिल गई सरस्वती नदी?
हालांकि, जमीन से निकल रहे पानी का प्रवाह फिलहाल रूक गया है, जिसके बाद जिला प्रशासन के साथ ग्रामीणों ने भी राहत की सांस ली है. पानी के साथ ही निकलने वाली गैस भी बंद हो चुकी है. इस घटना के पीछ का रहस्य क्या है, इसकी जांच की जा रही है. पानी के इस तरह के प्रवाह को लुप्त सरस्वती नदी के चैनल से भी जोड़कर देखा जा रहा है. इस रहस्यमयी घटना के बाद भूजल वैज्ञानिक डॉक्टर नारायण दास ईणखिया ने घटनास्थल का दौरा करने का बाद कहा कि यह घटना सरस्वती नदी के प्राचीन प्रवाह के संकेत हो सकते हैं.
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