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हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर जारी Photograph: (Social Media)
Himachal Rain Update: मानसून का महीने देशभर के किसानों के लिए खुशियां लेकर आता है. लेकिन मानसून के चार महीने पहाड़ी राज्यों के लिए किसी आपदा से कम नहीं होते. क्योंकि मानसून की भारी बारिश के चलते हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर जैसे पहाड़ी राज्यों में भूस्खलन और बाढ़ से भारी नुकसान होता है और सैकड़ों लोगों की जान चली जाती है. इस बार भी हिमाचल प्रदेश में मानसून आफत बनकर बरस रहा है. राज्य के अलग-अलग इलाकों में लगातार भूस्खलन की खबरें सामने आ रही हैं. नदियां और नारे उफान पर हैं और की इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं.
हिमाचल में तीन हाइवे समेत 400 सड़कें बंद
हिमाच प्रदेश में मानसूनी बारिश का अंदाजा इस बात से लगाया जा रहा है कि राज्य में लगातार भूस्खलन बाढ़ से तबाही मच रही है. सोमवार सुबह तक राज्य में तीन नेशनल हाइवे समेत कुल 400 सड़कें बंद रहीं. जबकि 883 बिजली के ट्रांसफार्मर और 122 जल आपूर्ति परियोजनाएं प्रभावित रहीं. उधर NH-305, NH-5, NH-3 पर भी जगह-जगह भूस्खलन होने से वाहनों का आवागमन ठप हो गया.
मंडी जिला सबसे ज्यादा प्रभावित
इनमें सबसे ज्यादा प्रभावित मंडी जिला है. जहां भारी बारिश के चलते सबसे अधिक 192 सड़कें बंद हो गईं. जबकि 303 ट्रांसफार्मक और 44 जल आपूर्ति परियोजनाएं ठप हो गई हैं. वहीं किन्नौर में पोवारी के पास राष्ट्रीय राजमार्ग-5 का एक हिस्सा धंस गया है. बताया जा रहा है कि यहां सड़क का करीब 60 प्रतिशत क्षतिग्रस्त हो गई है. वहीं छोटे वाहनों को रिकांगपिओ-शिल्टी मार्ग से गुजारा जा रहा है. जबकि भारी बारिश के चलते कई स्थानों पर भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ आने से चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग भी प्रभावित हो गया है. इससे चलते अलग-अलग इलाकों में की गाड़ियां फंसी हुई हैं.
इस मानसूनी सीजन में अब तक 263 लोगों की गई जान
वहीं इस साल 20 जून से लेकर 17 अगस्त तक पूरे राज्य में 263 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 332 लोग घायल भी हुए हैं. जबकि 37 लोग अभी भी लापता हैं. इस मानसून के सीजन में 127 लोगों की जान सड़क हादसों में हुई है. वहीं बादल फटने, भूस्खलन और बाढ़ से अब तक 2,814 कच्चे-पक्के मकानों के साथ कई दुकानों भी क्षतिग्रहस्त हुई हैं. इसके साथ ही राज्य में अब तक 2,201 गोशालाएं भी भारी बारिश और बाढ़ के चलते क्षतिग्रस्त हो गई हैं. वहीं भारी बारिश के चलते हुए घटनाओं में अब तक 1,626 पालतु पशुओं की भी मौत हो चुकी है. जबकि इस मानसून में नुकसान का कुल आंकड़ा बढ़कर दो लाख 17 हजार 354 करोड़ से से ऊपर निकल गया है.
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