Himachal News: सरकार ने कांगड़ा को पर्यटन राजधानी का दर्जा दिया हुआ है और धर्मशाला कांगड़ा वैली का ही हिस्सा है. विधानसभा शीतकालीन सत्र के दौरान ही कांगड़ा में सियासी हलचल हो रही है और सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का कार्यालय, धर्मशाला में शिफ्ट हो गया है.15 जनवरी से कांगड़ा जिले के शीतकालीन प्रवास पर जाने का कार्यक्रम भी सीएम का तय हो चुका है. उसके बाद 10 दिन तक हिमाचल प्रदेश की सरकार धर्मशाला से ही चलेगी. लेकिन इसकी वजह क्या है?
दरअसल, हिमाचल प्रदेश की सियासत में कांगड़ा जिले का बड़ा महत्व है. चुनावों में इस जिले से जिस भी दल ने बढ़त बनाई है, उसी के हाथ सत्ता की चाबी लगी है. यही कारण है कि शीतकालीन प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री कांगड़ा जिला के सभी विधानसभा क्षेत्रों में जाएंगे और कई कामों का उद्घाटन करेंगे व कुछ की आधारशिला रखेंगे.
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पर्यटन राजधानी है कांगड़ा
गौरतलब है कि पूर्व में वीरभद्र सिंह सरकार में कांगड़ा को दूसरी राजधानी का दर्जा देने की घोषणा हुई थी. यह घोषणा अधिसूचना के रूप में बदली लेकिन कागजों तक ही सीमित रही. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांगड़ा जिला को पर्यटन राजधानी बनाने की घोषणा की है. पर्यटन राजधानी को विकसित करने का काम अब हिमाचल सरकार यहां पर कर रही है. इसके लिए कई बड़ी योजनाएं हैं, जिन पर काम चल रहा है.
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विधानसभा भवन भी है धर्मशाला में
बता दें कि हिमाचल की जनता की भावनाओं को समझते हुए तत्कालीन सीएम वीरभद्र सिंह ने साल 1994 में शीतकालीन प्रवास की परंपरा शुरू की थी. उसके बाद इस परंपरा को हर सरकारों ने आगे बढ़ाया.इसका मकसद यही था कि दूर दराज क्षेत्रों के जो लोग अपनी समस्या को लेकर शिमला नहीं आ सकते, उनकी समस्याओं को सरकार खुद जाकर वहीं पर सुनेगी. इस मामले को और गंभीर बनाने के लिए बाद में विधानसभा भी धर्मशाला में बनाई गई, जिसमें केवल शीतकालीन सत्र ही होता है.