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हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की 7 अक्टूबर 2025 को हुई खुदकुशी ने प्रशासन में हड़कंप मचा दिया है. अब इस मामले को लेकर सियासत भी गरमा गई है. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी आज (14 अक्टूबर) उनके घर (चंडीगढ़) पहुंचे और परिवारजनों से मुलाकात की. उन्होंने एडीजीपी पूरन कुमार को श्रद्धांजलि दी और परिवार से सांत्वना जताई. जानकारी के मुताबिक, उनके साथ भूपेंद्र सिंह हुड्डा और राव नरेंद्र भी हैं. परिवार से मुलाकात के बाद राहुल गांधी सीधे चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट जाएंगे.
#WATCH | Lok Sabha LoP and Congress MP Rahul Gandhi arrives at the residence of Haryana IPS officer late Y. Puran Kumar in Chandigarh, who died by suicide, to meet his family pic.twitter.com/yW8OUwyhLF
— ANI (@ANI) October 14, 2025
आपको बता दें कि पूरन कुमार ने अपने सुसाइड नोट में कई अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. इसमें सबसे अधिक आरोप हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजरानिया पर हैं. उन्होंने जातिगत भेदभाव, मानसिक उत्पीड़न, सार्वजनिक अपमान, प्रशासनिक पक्षपात और झूठे मामलों में फंसाने का भी जिक्र किया.
एसआईटी ने शुरू की कार्रवाई
मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) रोहतक में सक्रिय हो चुका है. टीम आरोपियों की जानकारी जुटा रही है और उनसे पूछताछ की तैयारी कर रही है. कुछ आरोपी अधिकारी रिटायर्ड हैं, जबकि अन्य सक्रिय हैं. सुसाइड नोट में पूरन कुमार ने मीटिंग का भी जिक्र किया था जिसमें उन्होंने अपनी शिकायतों से जुड़े मुद्दे उठाए थे.
हरियाणा पुलिस ने पूरन कुमार के परिवार को शव की पहचान के लिए पत्र भी भेजा है. आठ पन्नों के सुसाइड नोट में कुल 15 मौजूदा और कई रिटायर्ड अधिकारियों के नाम हैं. अभी तक शव का पोस्टमार्टम नहीं हुआ है, जिसके चलते परिवार और नेताओं की चिंता बढ़ गई है.
सरकार की प्रतिक्रिया
हरियाणा सरकार ने मामले में डीजीपी शत्रुजीत कपूर को लंबी छुट्टी पर भेज दिया है. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी और पोस्टमार्टम के बाद एफआईआर दर्ज कर सस्पेंशन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने भी परिवार से मुलाकात कर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की.
वाई पूरन कुमार की मौत ने हरियाणा की प्रशासनिक प्रणाली और सियासी राजनीति दोनों में गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. मामले की तह तक जांच की जरूरत है ताकि दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई हो और भविष्य में किसी अधिकारी को उत्पीड़न का मौका न मिले.
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