जानें क्या है गुजरात जनविश्वास विधेयक-2025, राज्य में व्यापार और जीवन को सुगम बनाने की पहल

Gujarat Public Trust Amendment Bill 2025: गुजरात विधानसभा में मंगलवार को जनविश्वास विधेयक-2025 पारित हो गया. इस विधेयक के पारित होने से राज्य में व्यापार के लिए अनुकूल माहौल बनेगा.

Gujarat Public Trust Amendment Bill 2025: गुजरात विधानसभा में मंगलवार को जनविश्वास विधेयक-2025 पारित हो गया. इस विधेयक के पारित होने से राज्य में व्यापार के लिए अनुकूल माहौल बनेगा.

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Suhel Khan
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Gujrat CM Bhupendra Patel

यूसीसी लागू करने की दिशा में बढ़ी गुजरात सरकार Photograph: (Social Media)

Gujarat Public Trust Amendment Bill 2025:पीएम मोदी के 2047 में विकसित भारत के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए गुजरात सरकार भी पहल कर रही है. जिसके लिए राज्य सरकार ने मंगलवार (9 सितंबर) को 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' और 'ईज ऑफ लिविंग' को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में अहम कदम उठाया है. सीएम भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में यह विधेयक राज्य में कानूनी सरलता और पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा. साथ ही निवेशकों के लिए गुजरात को और आकर्षक बनाने का काम करेगा.

जानें क्या है गुजरात जनविश्वास विधेयक-2025

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गुजरात जनविश्वास विधेयक 2025 के बारे में जानकारी देते हुए उद्योग मंत्री बलवंतसिंह राजपूत ने बताया कि किसी भी राष्ट्र के विकास के लिए स्थिर नीतियां और अनुकूल व्यावसायिक वातावरण जरूरी है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने हमेशा कानूनों को आधुनिक, लचीला, जन-हितैषी और विश्वास-आधारित बनाने की दिशा में काम किया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 2023 में जनविश्वास अधिनियम लागू कर अनुपालनों को कम करने की कोशिश की. जिसके तहत 40 हजार से ज्यादा अनुपालनों को समाप्त कर दिया गया. जिससे 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' को प्रोत्साहन मिला. यही नहीं हाल हाल में मानसून सत्र के दौरान केंद्र ने संसद में जनविश्वास विधेयक 2.0 भी प्रस्तुत कर दिया.

516 प्रावधानों को किया गया अपराधमुक्त

संसद के मानसून सत्र में पारित किए गए जनविश्वास विधेयक का राज्य सरकार ने गहन अध्यन किया. उसके बाद 'गुजरात जनविश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक-2025' को तैयार किया है. इसका उद्देश्य 6 विभागों के 11 कानूनों-नियमों के अंतर्गत आने वाले 516 प्रावधानों को अपराधमुक्त यानी अपराध की श्रेणी से निकालना है.

'विश्वास और जन-हितैषी शासन की पहल

बता दें कि गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल 'इंक्रीमेंटल चेंज' के बजाय 'क्वांटम जंप' में यकीन रखते हैं. वह गुजरात के विकास की नींव को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. इस विधेयक के जरिए राज्य सरकार विश्वास आधारित शासन और जनता के शासन के अपने लक्ष्य को साकार करने की कोशिश कर रही है.

जानें क्या हैं विधेयक के मुख्य प्रावधान

इस विधेयक के 516 प्रावधानों में कैद की धारा हटाई जाने का भी प्रावधान शामिल है. जबकि 17 प्रावधानों में कैद या जुर्माने को वित्तीय दंड में बदलाने का प्रावधान शामिल है. ऐसे 498 प्रावधान है जिन्हें किसी अपराध के लिए जुर्माने के तौर पर वित्तीय दंड में बदला जा सके.

कम होगा न्यायिक बोझ

छोटे यानी कम गंभीर अपराधों के लिए कैद की सजा को हटाकर या उसे वित्तीय दंड में बदलकर, न्यायिक प्रणाली पर पड़ने वाले बोझ को कम किया जा सकता है. इसके साथ ही स्टार्टअप्स और MSMEs को छोटी भूलों के लिए फौजदारी कार्यवाही के अनावश्यक भय से मुक्ति मिलेगी. जिससे उन्हें अपने व्यवसायों को बेहतर ढंग से विकसित करने में मदद मिलेगी. साथ ही राज्य का इकोसिस्टम भी सुधरेगा. इसके अलावा 8 कानूनों के तहत उल्लंघन के समाधान की व्यवस्था के साथ अधिकारी द्वारा राशि स्वीकार करने के प्रावधान भी शामिल हैं. इसके साथ ही ये विधेयक सरकार और नागरिकों के बीच विश्वास को और मजबूत करेगा. जिससे कारोबार करने और जीवन जीने की सरलता को भी बढ़ावा मिलेगा.

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