Ahmedabad: देश के सबसे सुरक्षित शहरों में गिने जाने वाले अहमदाबाद में इन दिनों महिला सुरक्षा से जुड़ा एक मामला विवाद का विषय बना हुआ है. शहर में कुछ ऐसे पोस्टर लगाए गए, जिनमें महिलाओं को "लेट नाइट पार्टी" में न जाने और सुनसान जगहों पर अकेले न घूमने की नसीहत दी गई थी. पोस्टर में लिखा था कि ऐसा करने से उनके साथ रेप या गैंगरेप हो सकता है.
पोस्टर के चक्कर बुरी फंसी पुलिस
इन पोस्टरों में दिखाया गया था कि अगर महिलाएं रात में पार्टी करेंगी या सुनसान जगहों पर जाएंगी, तो वे यौन अपराधों को न्योता दे रही हैं. इस तरह की भाषा ने सोशल मीडिया पर आक्रोश पैदा कर दिया. लोगों ने इसे पीड़िता को दोषी ठहराने की मानसिकता बताया और सवाल उठाया कि जब पुलिस ही महिलाओं की स्वतंत्रता पर उंगली उठाएगी, तो अपराधियों को कौन रोकेगा?
ट्रैफिक पुलिस की आई सफाई
विवाद बढ़ने पर अहमदाबाद ट्रैफिक पुलिस ने सफाई दी कि यह कैंपेन एक एनजीओ सतर्कता ग्रुप के साथ मिलकर चलाया गया था. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इन पोस्टरों की अंतिम भाषा की जानकारी उन्हें पहले नहीं दी गई थी. मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस कमिश्नर ने तत्काल सभी बैनर हटवाने के आदेश दिए.
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16 पुलिस थानों में केस दर्ज
पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि ट्रैफिक अवेयरनेस के नाम पर लगाए गए पोस्टरों ने अपने दायरे से बाहर जाकर महिला सुरक्षा पर विवादास्पद टिप्पणियां कीं. इस मामले में अहमदाबाद के 16 पुलिस थानों में केस दर्ज किया गया है. अब यह जांच की जा रही है कि इन बैनरों को लगाने की अनुमति किससे ली गई थी और किस उद्देश्य से इन्हें सार्वजनिक स्थानों पर लगाया गया.
यह पूरा मामला यह दिखाता है कि महिला सुरक्षा पर चेतावनियों से ज्यादा जरूरी है सोच में बदलाव. अपराधियों को सजा और पीड़िताओं को सम्मान देना ही असल सुरक्षा है.
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