गिरनार पहुंचने के लिए अब नहीं चढ़नी होंगी 9999 सीढ़ियां, एशिया की सबसे बड़ी रोप-वे तैयार

गिरनार पर रोप-वे सुविधा की शुरुआत की जाएगी. ऐसा होने पर पर्यटकों को 9999 सीढियां नहीं चढ़नी पड़ेगी और लोग गिरिनार की सुन्दरता का आनंद उठा सकेंगे.

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Sunil Chaurasia
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गिरनार( Photo Credit : Incredible India)

गुजरात के सबसे ऊंचे गढ़ गिरनार पर चढ़ना बहुत कठिन काम है. गिरनार घुमने आने वाले लोगों के लिए गिरनार की 9999 सीढियां चढ़कर उपर पहुंचना लोहे के चने चबाने जैसा है और शायद इसीलिए आधे से अधिक पर्यटक इसे करने से बचते है. फ़िलहाल सामने आ रही जानकारी गिरनार घुमने जाने वालों के लिए एक अच्छी खबर लेकर आ रहा है.

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दरअसल सामने आ रही जानकारी के अनुसार अब से गिरनार पर रोप-वे सुविधा की शुरुआत की जाएगी. ऐसा होने पर पर्यटकों को 9999 सीढियां नहीं चढ़नी पड़ेगी और लोग गिरिनार की सुन्दरता का आनंद उठा सकेंगे. हालांकि फ़िलहाल गुजरात के पावागढ़ और अम्बाजी में रोपवे कार्यरत है पर गिरनार में इस सुविधा के शुरू होने के बाद ये सबसे बड़ा प्रोजेक्ट होगा.

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) आगामी 24 अक्टूबर को जूनागढ़ (Junagarh) स्थित गिरनार रोप-वे (Giranar Rope-Way) का ई-लोकार्पण करेंगे. 100 करोड़ की लागत से तैयार हो रहा यह रोप-वे एशिया का सबसे बड़ा रोप-वे माना जा रहा है. इस अवसर पर मुख्यमंत्री विजय रूपाणी जूनागढ़ में आयोजित समारोह में उपस्थित रहेंगे. पिछले दिनों जूनागढ़ के सांसद राजेश चुडास्मा ने रोप-वे के कार्य का निरीक्षण किया था. इससे पहले पर्यटन मंत्री जवाहर चावड़ा भी इस कार्य का जायजा लेते रहे हैं.

भवनाथ की तलहटी से गिरनार पर्वत पर अंबाजी मंदिर की दूरी 2.3 किलोमीटर है. इसे रोप-वे के जरिए सिर्फ सात मिनट में पूरा किया जा सकेगा. शुरुआत में 24 ट्रॉली लगाई जाएगी. एक ट्रॉली में आठ लोग बैठेंगे. इससे एक फेरे में 192 यात्री जा सकेंगे. इसमें नौ टावर लगाए गए हैं. इसमें छह नंबर का टावर सबसे ऊंचा करीब 67 मीटर है, जो कि गिरनार के एक हजार सीढ़ी के पास स्थित है.

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9999 सीढियां नहीं चढ़नी पड़ेंगी
इस रोप-वे से पर्यटकों को 9999 सीढिय़ां नहीं चढ़नी पड़ेंगी और ऊंचाई से लोग गिरनार की सुन्दरता का लुत्फ भी उठा सकेंगे. हालांकि फ़िलहाल गुजरात के पावागढ़ और अंबाजी में रोप-वे कार्यरत है पर गिरनार में इस सुविधा के शुरू होने के बाद ये सबसे बड़ा प्रोजेक्ट होगा. इससे यात्री गिरनार तलहटी से रोप वे के मार्फत सीधे तीसरे शिखर पर अंबाजी पहुंच सकेंगे.

अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी
इस यात्राधाम सहित सासण गिर शेर दर्शन और भगवान सोमनाथ के दर्शन का एक सम्पूर्ण टूरिज्म सर्किट विकसित होने से गिरनार और जूनागढ़ घूमने के लिए देश- विदेश से ज्यादा पर्यटक आएंगे. पर्यटकों की बढ़ती संख्या से जूनागढ़ में स्थानीय रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी और साथ ही अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी. 

ऑस्ट्रेलियन कंपनी द्वारा संचालित इस प्रोजेक्ट के अहम कार्य पुरे हो चुके है और जल्द ही ये पर्यटकों के लिए उपलब्ध होने वाला है. ख़बरों की माने तो अब तक इस प्रोजेक्ट का काम पूरा हो चूका है और इसका ट्रायल आज शुरू हो चूका है. इस रोपवे सुविधा का लोकार्पण गिरनार के स्वतंत्रता दिवस 9 नवम्बर को किया जा सकता है.

Source : News Nation Bureau

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