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हल्की सी बारिश से दिल्ली में भरा पानी, मौसम विभाग ने दी अगले 2 घंटे में भारी बारिश की चेतावनी

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हल्की सी बारिश से एक बार फिर जलभराव की स्थिति देखने को मिली है. द्वारका इलाके में बारिश के बाद सड़कों पर अंडरपास में जलभराव हो गया.

Updated on: 13 Aug 2020, 07:18 AM

नई दिल्ली:

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में हल्की सी बारिश से एक बार फिर जलभराव की स्थिति देखने को मिली है. द्वारका इलाके में बारिश के बाद सड़कों पर अंडरपास में जलभराव हो गया. उधर, मौसम विभाग ने दिल्ली में भारी बारिश (heavy rain) होने की चेतावनी दी है. मौसम विभाग का कहना है कि दिल्ली में आज आसमान में बादल छाए रहेंगे और अगले दो घंटों में भारी बारिश की संभावना है.

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मौसम विभाग ने दिल्ली में आज मध्यम से भारी बारिश का अनुमान जताया है. मौसम विभाग के अनुसार, अगले 2 घंटों के दौरान दिल्ली के अलावा नोएडा, ग्रेटर नोएडा, रोहतक, गुरुग्राम, गाजियाबाद, फरीदाबाद, पलवल, पानीपत और करनाल के अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम तीव्रता की बारिश होगी.

दिल्ली में अब तक अगस्त में 10 सालों में सबसे कम बारिश

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़े बताते हैं कि राष्ट्रीय राजधानी में अगस्त में अब तक सामान्य से 72 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है जो 10 वर्षों में सबसे कम है. शहर के लिए आधिकारिक आंकड़े उपलब्ध कराने वाली सफदरजंग वेधशाला ने इस महीने अब तक केवल 31.1 मिलीमीटर (मिमी) बारिश दर्ज की है जबकि सामान्य बारिश का आंकड़ा 109.6 मिमी है. पालम मौसम केंद्र ने 55.6 मिमी वर्षा दर्ज की है, जो सामान्य 114.3 मिमी की तुलना में 51 प्रतिशत कम है. लोधी रोड वेधशाला ने 109.6 मिमी के सामान्य के मुकाबले सिर्फ 25.6 मिमी बारिश का अनुमान लगाया है जो 77 प्रतिशत कम है.

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राष्ट्रीय राजधानी में पिछले वर्ष अगस्त के पहले 12 दिन में 37.1 मिमी बारिश दर्ज की गई थी. शहर में 2018 में इसी अवधि में 56 मिमी, 2017 में 64 मिमी और 2016 में 41 मिमी बारिश हुई थी. इसी अवधि में 2015 में 110.6 मिमी बारिश हुई थी जबकि 2014 में 120.5 मिमी बारिश दर्ज की गई थी. इस साल जुलाई में, दिल्ली में 236.9 मिमी बारिश दर्ज की गई थी, जो सामान्य 210.6 मिमी से 12 प्रतिशत अधिक थी. पूर्वानुमान लगाने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट वेदर के विशेषज्ञ महेश पलावत ने कहा कि शहर में अच्छी बारिश नहीं हुई क्योंकि मानसून अक्ष रेखा में उतार-चढ़ाव बना रहा और यह दिल्ली-एनसीआर में अधिक समय तक नहीं रही.