Delhi Jal Board's new water policy: दिल्ली सरकार ने जल आपूर्ति प्रणाली को आधुनिक, जवाबदेह और अधिक कुशल बनाने के लिए एक नई जल नीति लागू करने का फैसला किया है. इस नीति के तहत दिल्ली को 8 जल सेवा ज़ोन में विभाजित किया जाएगा और प्रत्येक ज़ोन की जल और सीवेज सेवाएं एक-एक निजी ऑपरेटर को सौंपी जाएंगी. यह कदम दिल्ली जल बोर्ड (DJB) की मौजूदा संरचना को सशक्त बनाने और जल प्रबंधन में सुधार लाने की दिशा में उठाया गया है. वर्तमान में दिल्ली में जल वितरण व्यवस्था में कई खामियां हैं, जिनमें लीकेज, गैर-राजस्व जल (NRW), और बिलिंग संबंधी गड़बड़ियां प्रमुख हैं.
क्या है नई नीति?
1. 8 जल-सेवा ज़ोन: पूरी दिल्ली को 8 ज़ोन में बांटा जाएगा. हर ज़ोन के लिए एक अलग निजी ऑपरेटर नियुक्त होगा.
2. निजी ऑपरेटर की जिम्मेदारी: इन ऑपरेटरों को जल आपूर्ति, सीवेज नेटवर्क का रखरखाव, बिलिंग, मरम्मत और NRW को कम करने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी.
3. DJB की भूमिका: दिल्ली जल बोर्ड जल स्रोतों की खरीद, शुद्धिकरण और थोक वितरण का कार्य करता रहेगा. साथ ही इन निजी ऑपरेटरों की कार्यप्रणाली पर निगरानी भी बनाए रखेगा.
नई जल नीति के पीछे मुख्य उद्देश्य है
50–52% तक जल की हो रही बर्बादी को रोकना,
24x7 निर्बाध जल आपूर्ति सुनिश्चित करना,
जल सेवाओं में जवाबदेही और पारदर्शिता लाना.
यह ‘एक ज़ोन, एक ऑपरेटर’ मॉडल दिल्ली में पहले से लागू बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम्स) की तर्ज पर तैयार किया गया है, जहां क्षेत्रवार ज़िम्मेदारियों से सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार देखने को मिला है.
योजना की शुरुआत वजीराबाद ज़ोन से की जाएगी, जहां लगभग 31.6 लाख निवासियों को बेहतर जल सेवाएं मुहैया कराई जाएंगी. इसके बाद धीरे-धीरे बाकी 7 ज़ोन में भी यह मॉडल लागू किया जाएगा.
मौजूदा जल प्रणाली के क्या है हालात
दिल्ली के पास लगभग 15,600 किलोमीटर लंबा जल वितरण नेटवर्क है, जिसमें से करीब 2,800 किलोमीटर पाइपलाइन 30 साल से ज्यादा पुरानी है.
2.15 करोड़ की आबादी वाले शहर में केवल 29 लाख जल कनेक्शन पंजीकृत हैं, जिससे साफ है कि बिलिंग प्रणाली में गंभीर खामियां मौजूद हैं.